Parliament Diary: नेहरू से राहुल तक, लोकसभा में गांधी परिवार पर जमकर बरसे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1952 के पहले राज्यसभा का भी गठन नहीं हुआ था। राज्यों में भी कोई चुनाव नहीं थे, जनता का कोई आदेश नहीं था। उसी दौरान उस समय के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को एक चिट्ठी लिखी थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि भारत का गणतांत्रिक अतीत विश्व के लिए प्रेरक रहा है और इसलिए देश को लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि जब हम संविधान लागू होने के 75 वर्ष का उत्सव मना रहे हैं तो अच्छा संयोग है कि राष्ट्रपति पद पर एक महिला आसीन हैं जो संविधान की भावना के अनुरूप भी है। मोदी ने कहा कि भारत बहुत जल्द विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में बहुत मजबूत कदम रख रहा है और 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प उसे स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक विकसित भारत बनाने का है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के निर्णयों में लगातार भारत की एकता को मजबूती देने का प्रयास किया जाता रहा है, अनुच्छेद 370 एकता में रुकावट बना हुआ था और इसलिए हमने जमीन में गाड़ दिया।
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मोदी ने कहा कि हमने संविधान की एकता की भावना के अनुरूप नई शिक्षा नीति में मातृको बहुत बल दिया है और अब गरीब परिवार के बच्चे मातृमें पढ़ाई करके डॉक्टर-इंजीनियर बन सकते हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी, इस परिवार ने हर स्तर पर संविधान को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता ये भारत की विशेषता रही है और इस देश की प्रगति भी विविधता को सेलिब्रेट करने में है। लेकिन गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोगों ने, भारत का भला न देख पाने वाले लोगों ने... वो विविधता में विरोधाभास ढूढंते रहे। इतना ही नहीं, विविधता जो हमारा अमूल्य खजाना है उसको सेलिब्रेट करने के बजाय उस विविधता में ऐसे जहरीले बीज बोने के प्रयास करते रहे, ताकि देश की एकता पर चोट पहुंचे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1952 के पहले राज्यसभा का भी गठन नहीं हुआ था। राज्यों में भी कोई चुनाव नहीं थे, जनता का कोई आदेश नहीं था। उसी दौरान उस समय के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को एक चिट्ठी लिखी थी। उस चिट्ठी में उन्होंने लिखा था, 'अगर संविधान हमारे रास्ते के बीच में आ जाए तो हर हाल में संविधान में परिवर्तन करना चाहिए'। उन्होंने कहा कि 1951 में ये पाप किया गया लेकिन देश चुप नहीं था। उस समय के राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने उन्हें चेताया कि ये गलत हो रहा है...लेकिन पंडित जी का अपना संविधान चलता था और इसलिए उन्होंने इतने वरिष्ठ महानुभावकों की सलाह मानी नहीं। ये संविधान संशोधन करने का ऐसा खून कांग्रेस के मुंह लग गया कि समय-समय पर वो संविधान का शिकार करती रही।
अन्य कार्यवाही
केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने शनिवार को लोकसभा में कहा कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर किसी को ऐसी बात नहीं करनी चाहिए जिससे देश की छवि को नुकसान पहुंचे। उन्होंने सदन में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि भारत के संविधान में अल्पसंख्यकों के लिए जिस तरह के सुरक्षात्मक उपाय हैं, उतने किसी दूसरे देश में नहीं है। वहीं, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता ए राजा ने शनिवार को केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने तो देश में आपातकाल लगाकर केवल लोकतंत्र को आघात पहुंचाया, लेकिन इस सरकार ने संविधान की मूल संरचना के सभी तत्वों पर आक्रमण किया है।
तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने शनिवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ संबंधी प्रस्ताव में संशोधन की मांग करते हुए इसमें सभी स्थानीय निकाय के चुनावों को शामिल करने की मांग की। इसके साथ ही पार्टी ने कांग्रेस से यह सवाल भी किया कि बार-बार संविधान की दुहाई देने वाली प्रमुख विपक्षी पार्टी को यह भी बताना चाहिए कि जब आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक को संसद से पारित किया गया था तब देश का लोकतंत्र और संविधान कहां था। संविधान की 75 साल की गौरवशाली यात्रा पर लोकसभा में जारी चर्चा में हिस्सा लेते हुए तेदेपा के लवू श्री कृष्ण देवरायलू ने यह सवाल उठाया।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को लोकसभा में सरकार पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि जिस तरह एकलव्य का अंगूठा कटा था, उसी तरह से आज देश के युवाओं का अंगूठा काटा जा रहा है। उन्होंने ‘संविधान की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आज भारत में एक वैचारिक लड़ाई चल रही है और विपक्ष की तरफ बैठे लोग संविधान के विचारों के संरक्षक हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि विपक्षी दल सत्ता में आने पर जातिगत जनगणना करवाएंगे और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को भी तोड़ेंगे। राहुल गांधी ने गुरु द्रोणाचार्य और एकलव्य की गाथा का उल्लेख करते हुए कहा कि जैसे एकलव्य का अंगूठा कटा था, उसी तरह सरकार पूरे देश के युवाओं का अंगूठा काट रही है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद अनुराग ठाकुर और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए शनिवार को लोकसभा में कहा कि नेता प्रतिपक्ष ‘अंगूठा काटने की बात’ कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस ने तो 1984 में ‘सिखों के गले काटे’ थे। ठाकुर ने संविधान की प्रति हाथ में लेकर दिखाने के लिए भी राहुल गांधी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस नेता को कभी संविधान पढ़ भी लेना चाहिए। सदन में ‘संविधान के 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए इन सदस्यों ने यह बात कही। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने विनायक दामोदर सावरकर के बारे में टिप्पणी को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर शनिवार को निशाना साधा और तंज कसते हुए कहा कि ‘ट्यूटर’ बदलना बहुत जरूरी है।
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लोकसभा ने शनिवार को पूर्व विदेश एस एम कृष्णा और उन चार पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जिनका हाल में निधन हुआ है। सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पूर्व सदस्यों कृष्णा, प्रभात सामंत राय, के. मलयसामी, मनोरमा सिंह और एरा मोहन के निधन के बारे में सदन को सूचित किया।
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