Parliament: आज भी नहीं चल पाई संसद, Manipur पर हंगामा जारी, दोनों सदन स्थगित
मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के कारण लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को एक बार के स्थगन के बाद सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
संसद में मणिपुर को लेकर सियासी संग्राम कम होने का नाम नहीं ले रहा है। संसद के मानसून सत्र के आज सातवें दिन भी दोनों सदनों की कार्यवाही जबरदस्त तरीके से बाधित हुई। लगातार विपक्षी दल मणिपुर को लेकर चर्चा की मांग करते रहे। दोनों सदनों में नारेबाजी भी हुई। इन सबके बीच लोकसभा में कुछ विधेयक भी पास किए गए। वहीं, राज्यसभा में कोई कामकाज नहीं हो सका। मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है तो सरकार भी दबाव में आने के मूड में नहीं है।
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लोकसभा की कार्यवाही
मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के कारण लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार को एक बार के स्थगन के बाद सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामें के बीच ही लोकसभा ने ‘खान और खनिज (विकास और नियमन) संशोधन विधेयक, 2023’ को मंजूरी दी। वहीं, 'द नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कमीशन बिल, 2023' और 'द नेशनल डेंटल कमीशन बिल, 2023' भी लोकसभा में पारित हुआ है।
राज्यसभा की कार्यवाही
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ब्रयान के साथ हुई नोकझोंक के बाद शुक्रवार को उच्च सदन की कार्यवाही 11 बजकर 27 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद सभापति ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विनय तेंदुलकर सदन से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसके बाद सभापति ने कहा कि उन्हें मणिपुर की स्थिति पर नियम 267 के तहत चर्चा कराने की मांग को लेकर 47 नोटिस मिले हैं।
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धनखड़ और डेरेक ओ’ब्रयान में नोकझोंक
सभापति ने कहा कि पिछला सत्र हो या उसके पहले का सत्र, हर दिन नियम 267 के तहत कई सारे नोटिस दिए जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यदि परंपरा को देखूं तो पिछले 23 सालों में कितने ऐसे नोटिस स्वीकार किए गए हैं, इससे सदन पूरी तरह परिचित है। इसके परिणामों के बारे में सोचिए। पूरा देश प्रश्न काल की तरफ देखता है। प्रश्न काल संसदीय कार्य का दिल है।’’ इसी समय डेरेक ने टोकते हुए कहा, ‘‘सर हम सब इससे वाकिफ हैं।’’ धनखड़ ने कहा, ‘‘आप वाकिफ हैं लेकिन आपको यह बताने की जरूरत नहीं है। ध्यान से सुनिए। ध्यान से यदि सुनेंगे तो आप समझ जाएंगे।’’ डेरेक ने फिर कुछ कहा तो धनखड़ ने उन्हें टोकते हुए कहा, ‘‘श्रीमान डेरेक, नाटकीयता में संलग्न होना आपकी आदत बन गई है। आप हर बार उठते हैं। आपको लगता है कि यह आपका विशेषाधिकार है। वह न्यूनतम चीज जिसका आप उदाहरण दे सकते हैं वह कुर्सी के प्रति सम्मान प्रदर्शित करना है। अगर मैं कुछ कह रहा हूं, तो आप खड़े हों और नाटक रचें। क्षमा करें।’’
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