Kashmir में घुसपैठ के लिए आतंकवादी तैयार, उन्हें देखते ही ठोकने के लिए BSF भी तैयार
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पश्चिमी कमान के अपर महानिदेशक (एडीजी) सतीश के खंडारे ने पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा के इलाकों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान क्षेत्र में तैनात कमांडर ने उन्हें परिचालन संबंधी विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया।
सर्दियां बढ़ते ही पाकिस्तानी आतंकवादी कश्मीर में घुसने का प्रयास करते हैं। बताया जा रहा है कि सीमा पार लॉन्च पैडों पर कई प्रशिक्षित आतंकवादी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं। लेकिन इन आतंकवादियों को पता होना चाहिए कि हमारे सुरक्षा बल भी उन्हें देखते ही ठोकने के लिए तैयार बैठे हैं। हम आपको बता दें कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जम्मू फ्रंटियर के महानिरीक्षक डीके बूरा ने कहा है कि आतंकवादियों की संभावित घुसपैठ को रोकने के लिए बल पूरी तरह सतर्क हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई है। डीके बूरा ने पाकिस्तान के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर आतंकी ठिकानों की मौजूदगी और वहां बढ़ती गतिविधियों को लेकर सामने आई खुफिया रिपोर्ट को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि यदि आतंकवादी घुसपैठ करने में कामयाब भी जाते हैं तो उन्हें अंदरूनी इलाकों में पहुंचने से पहले ही ठिकाने लगाने के उपाय मौजूद हैं। हम आपको बता दें कि बूरा, बीएसएफ की पश्चिमी कमान के अपर महानिदेशक सतीश एस. खंडारे के साथ सीमावर्ती जिले राजौरी में 54वीं बटालियन द्वारा आयोजित 10 दिवसीय ‘भारत दर्शन’ यात्रा के लिए स्थानीय छात्रों के एक समूह को रवाना करने आए थे।
हम आपको बता दें कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पश्चिमी कमान के अपर महानिदेशक (एडीजी) सतीश के खंडारे ने पाकिस्तान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा के इलाकों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान क्षेत्र में तैनात कमांडर ने उन्हें परिचालन संबंधी विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के अलावा नियंत्रण रेखा (एलओसी) के कुछ हिस्सों पर तैनात बीएसएफ आतंकवादियों की घुसपैठ और सीमा पार से हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए 'हाई अलर्ट’ पर है। उन्होंने कहा कि सर्दियों में कश्मीर में नियंत्रण रेखा और जम्मू क्षेत्र में पीर पंजाल के दक्षिण में भारी बर्फबारी के कारण घुसपैठ के अधिकतर मार्ग अवरुद्ध हो जाते हैं, इसलिए आतंकवादियों के आका धुंध का फायदा उठाकर भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों को सीमापार भेजने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा और जम्मू के अन्य मैदानी इलाकों के रास्ते घुसपैठ की कोशिश करते हैं।
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बीएसएफ के आईजी ने अपनी तैयारियों के संबंध में मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘हमारा पड़ोसी देश (पाकिस्तान) हमेशा आतंकवादियों को (विध्वंसक गतिविधियों के लिए) भेजने की कोशिश करता है। मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था (सीमाओं पर) बहुत मजबूत है, आधुनिक हथियारों और पर्याप्त जनशक्ति से लैस है। घुसपैठ की किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा और सीमाओं को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाएगा।’’ सर्दियों के मौसम के दौरान कोहरे का फायदा उठाकर घुसपैठ के प्रयासों में वृद्धि की आशंका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह कोई नयी बात नहीं है। बूरा ने कहा, ‘‘कोई चुनौती नहीं है क्योंकि हर साल सर्दी आती है और कोहरा भी रहता है। हमारे सभी बल (सीमा पर और भीतरी इलाकों में तैनात) किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से सतर्क हैं। हर साल स्थिति की समीक्षा की जाती है और उसके अनुसार कदम उठाए जाते हैं, इसलिए यह कोई नयी बात नहीं है।’’ बूरा ने हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी के लिए पाकिस्तान द्वारा ड्रोन के इस्तेमाल के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस संबंध में पहले ही पर्याप्त कदम उठाए जा चुके हैं। बीएसएफ आईजी ने सीमापार से घुसपैठ करने के लिए मौके की तलाश में बैठे संदिग्ध आतंकवादियों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘हम गिनती नहीं करते, लेकिन हमारा प्रयास यह है कि कोई भी इस ओर घुसपैठ न कर पाए।’’
उन्होंने अग्रिम क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे लगाए जाने के बारे में पूछे जाने पर कोई भी जानकारी देने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘आप निश्चिंत और आश्वस्त रहें कि सभी उपाय लागू हैं। सरकार ने सभी संसाधन उपलब्ध करा दिए हैं और कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि कोई घुसपैठ न हो।’’ बूरा ने कहा कि जम्मू के अखनूर सेक्टर में हाल में हुई मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए थे और कठुआ में इससे पहले हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए थे। यह घटना सुरक्षा बलों के बीच निकट समन्वय को दर्शाती है।
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