CAA विरोधी प्रस्ताव पारित करने के TRS सरकार के कदम को ओवैसी ने सराहा
तेलंगाना सरकार ने रविवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने का फैसला किया था और केंद्र से यह भी अनुरोध किया कि वह नागरिकता कानून में पिछले साल किए गए बदलावों को रद्द कर दे।
हैदराबाद। एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने के तेलंगाना मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत किया है जबकि भाजपा ने इसे “अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण का ‘‘हथकंडा” करार दिया। ओवैसी ने दावा किया कि प्रस्तावित जनसंख्या रजिस्टर का समाज कल्याण योजनाओं से कुछ लेना-देना नहीं है और यह पूरी तरह से भविष्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को शुरू करने की कवायद से जुड़ा है।
AIMIM chief Asaduddin Owaisi: I request Telangana CM K Chandrashekar Rao to put a stay on National Population Register enumeration as Kerala did. NPR has no relation with the census & social welfare schemes. It is purely an exercise to implement NRC in the future. pic.twitter.com/6Ip7An64B5
— ANI (@ANI) February 17, 2020
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं तेलंगाना सरकार, मंत्रिमंडल द्वारा किए गए फैसले का स्वागत करता हूं।” उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ठीक केरल की तरह राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर की कवायद को रोक देंगे। तेलंगाना सरकार ने रविवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने का फैसला किया था और केंद्र से यह भी अनुरोध किया कि वह नागरिकता कानून में पिछले साल किए गए बदलावों को रद्द कर दे।
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भाजपा के मुख्य प्रवक्ता के. कृष्णा सागर राव ने मंत्रिमंडल के फैसले को “अवैध और असंवैधानिक” करार दिया। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का सीएए को रद्द करने के लिए प्रस्ताव पारित करने का फैसला अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण का हथकंडा है और यह राजनीतिक फायदे के लिए मुख्यमंत्री के वामपंथी और कांग्रेस की विचारधारा को आंख मूंदकर अपनाने का खुलासा करता है। उनके मुताबिक राज्य मंत्रिमंडल एक संवैधानिक निकाय है और वह संसद द्वारा पारित राष्ट्रीय कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित नहीं कर सकता।
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