Article 370 पर SC के फैसले पर नाराज दिखे Owaisi, बोले- अब चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई भी बन जाएंगे केंद्रशासित प्रदेश
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने के भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 2019 के फैसले को बरकरार रखा। कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले को पलटने से भी इनकार कर दिया।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने फैसले पर अपना असंतोष व्यक्त किया और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह अब मुंबई, कोलकाता, चेन्नई को केंद्र शासित प्रदेशों में बदलने का प्रयास कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द करने के भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 2019 के फैसले को बरकरार रखा। कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले को पलटने से भी इनकार कर दिया।
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ओवैसी ने कहा कि हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। कश्मीर सदैव भारत का अभिन्न अंग रहा है। आज आपने एक राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेश बना दिया। संसद उनके लिए बोल रही है, उनकी विधानसभा नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख के पुनर्गठन को भी बरकरार रखा। तो ऐसा किसी के साथ भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब आने वाले दिनों में बीजेपी कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की कोशिश करेगी और इसे कोई रोक नहीं पाएगा।
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि सवाल यह है कि जब आप कर्फ्यू लगाकर धारा 370 को हटा रहे हैं तो वहां कोई चुनी हुई विधानसभा नहीं है। तो फिर कश्मीर में विचार-विमर्श किसने किया? मेरी नजर में धारा 370 हटाना संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन है और एक राज्य का जो बंटवारा हुआ है, ये कश्मीर की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है। अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''हमने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था क्योंकि हमें न्याय की उम्मीद थी...हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं...हमारी कोशिशें यहीं ख़त्म नहीं होंगी। हम फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे? हम कानूनी परामर्श के बाद इस पर फैसला करेंगे।
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डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी(DPAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, "एक उम्मीद थी क्योंकि कई चीज़ों में हमने कहा था कि जो कोर्ट कहेगा वह आखिरी फैसला होगा... मैं बुनियादी तौर पर कहता हूं कि इसे खत्म करना ग़लत था। इसे करते वक्त जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों से पूछा नहीं गया... हम अदालत के खिलाफ नहीं जा सकते लेकिन इस फैसले से हम, जम्मू-कश्मीर के लोगों को अफसोस है।" PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हिम्मत नहीं हारे, उम्मीद न छोड़े, जम्मू-कश्मीर ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला यह एक मुश्किल पड़ाव है, यह मंजिल नहीं है... हमारे विरोधी चाहते हैं कि हम उम्मीद छोड़कर इस शिकस्त को स्वीकार करें... यह हमारी हार नहीं यह देश के धैर्य की हार है।
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