बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद बाहरी लोगों को वापस लौटना होगा: अभिषेक बनर्जी
शाह अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की पांचवीं और अंतिम रथयात्रा को हरी झंडी दिखाने के लिए आए थे। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस अक्सर दूसरे राज्यों के भाजपा नेताओं को बाहरी कहती रही है। अभिषेक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे हैं।
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अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘‘यहां आने वालों को बंगाल की अनोखी संस्कृति के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन वे राज्य को सोनार बांग्ला (समृद्ध बंगाल) बनाने का वादा कर रहे हैं। हमारी नेता ममता बनर्जी इस बार हैट्रिक बनाएंगी और बाहरी लोगों को एक बार फिर वापस जाना होगा। यह समय की बात है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे (भाजपा) क्यों नहीं सोनार उत्तर प्रदेश, सोनार राजस्थान या सोनार हरियाणा बनाते। मैं पश्चिम बंगाल के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे उनके झूठे अभियान का शिकार नहीं बनें। लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सांप्रदायिक ताकतें अपना बदसूरत सिर राज्य में न उठाएं।’’ मंत्रियों सहित विभिन्न नेताओं के तृणमूल छोड़ने का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा कि भाजपा ऐसी स्थिति में पहुंच गई है जहां वह राज्य का चुनाव लड़ने के लिए दूसरी पार्टी के नेताओं को अपने में शामिल कर रही है। उन्होंने कहा, हम भगवा पार्टी से डटकर मुकाबला करेंगे। मुझे यकीन है कि चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 250 से कम सीटें नहीं मिलेंगी। यह लड़ाई बंगाल की समृद्ध संस्कृति की रक्षा करने के लिए है।
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उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा की कुल 294 सीटें हैं। राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना स्वास्थ्य साथी का जिक्र करते हुए उन्होंने दावा किया कि राज्य में लगभग दस करोड़ लोगों को यह कार्ड दिए गए हैं। तृणमूल कांग्रेस सरकार ने 2016 में इस योजना की शुरुआत की थी और इसका लक्ष्य राज्य की पूरी आबादी को कवर करना था। तृणमूल सांसद ने कहा, दूसरी तरफ, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना (केंद्र की) सभी के लिए नहीं है। जिनके पास स्कूटर या स्मार्टफोन है, वे इसके पात्र नहीं हैं। लेकिन स्वास्थ्य साथी कार्ड सभी के लिए है।’’ उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष के परिवार के सदस्यों ने भी स्वास्थ्य कार्ड का विकल्प चुना है।
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