चुनाव आयोग पर विपक्ष का प्रहार, हार का बहाना: अरुण जेटली
विपक्ष पर प्रहार करते हुए अरुण जेटली ने कहा कि ये (विपक्ष) संस्थाओं को आघात पहुंचाने वाले हैं, ये संसद को काम करने नहीं देते हैं, ये न्यायाधीशों को डराने का काम करते हैं।
नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने चुनाव आयोग पर विपक्षी दलों के हमले को चुनावी हार के संदर्भ में ‘अग्रिम बहाना’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि आकांक्षी भारत बेहतर कल चाहता है और वह ‘अत्यधिक भ्रष्ट’ और ‘तुनकमिजाजी घुमक्कड़ों’ को वोट देकर आत्मघाती विकल्प नहीं अपनाएगा। भाजपा के वरिष्ठ नेता जेटली ने ‘‘भारतीय विपक्ष की भयावह तस्वीर’ शीर्षक से अपने ब्लाग में कहा कि विपक्ष में न तो नेता है और न ही कार्यक्रमों के बारे में कोई सहमति है। ‘‘एक व्यक्ति से छुटकारा पाने की नकारात्मकता इनके साथ आने की एकमात्र साझा डोर है। ये ऐसे बंटा हुआ विपक्ष है जो न तो चुनाव से पहले और न ही चुनाव के दौरान साथ आया।’’ उन्होंने पूछा कि उनके इस आश्वासन पर कौन भरोसा करेगा कि वे चुनाव के बाद साथ आ जायेंगे। विपक्ष का कई राज्यों में तो गठबंधन भी नहीं बना। वे विपक्षी दलों की बैठक इस भय से नहीं बुला सके कि इनमें से कई दल इसमें हिस्सा नहीं लेंगे।
The Frightening and Scary Scenario of India’s Opposition https://t.co/OAjZo9CemI
— Chowkidar Arun Jaitley (@arunjaitley) May 16, 2019
विपक्ष पर प्रहार करते हुए अरुण जेटली ने कहा कि ये (विपक्ष) संस्थाओं को आघात पहुंचाने वाले हैं, ये संसद को काम करने नहीं देते हैं, ये न्यायाधीशों को डराने का काम करते हैं। अब इनका अगला निशाना चुनाव आयोग है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग और ईवीएम पर निशाना साधा जाना 23 मई 2019 को चुनाव परिणाम सामने आने से पहले ही हार का बहाना ढूंढना है।विपक्ष पर अपना प्रहार जारी रखते हुए जेटली ने कहा कि इनके नेता तुनकमिजाजी घुमक्कड़ है, इनमें से कई बेहद भ्रष्ट है और कई तो सरकार के लिये हादसा है । मतदाता आश्चर्य में है कि क्या से विकल्प प्रदान कर सकते हैं?
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उन्होंने कहा कि ये मतदाताओं के लिए पूरी तरह से भयभीत करने वाली तस्वीर पेश करते हैं। ये आत्मघाती विकल्प के समान हैं। जेटली ने कहा कि ऐसी स्थिति मोदी के पक्ष को मजबूत करती है। प्रधानमंत्री की स्वीकार्यता का सकारात्मक कारण उनकी निर्णायकता, ईमानदारी और प्रदर्शन तथा गरीबों तक संसाधन पहुंचाना और सुरक्षा के संदर्भ में उनकी नीति है। उन्होंने कहा कि राजग गठबंधन की ताकत इस बात में है कि नेतृत्व के बारे में यहां कोई भ्रम नहीं है और नेतृत्व के विषय पर आमसहमति है।
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