राफेल पर कैग की रिपोर्ट पर विपक्ष ने उठाए सवाल, कहा- सौदे का सही आकलन नहीं हुआ
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और रक्षा मामलों पर संसद की परामर्श समिति के सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य ने संसद में कैग की रिपोर्ट पेश होने के बाद कहा कि रिपोर्ट को एक नजर देखने के बाद फौरी तौर पर ऐसा लगता है कि सौदे का सही आकलन हुआ ही नहीं है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने बुधवार को लड़ाकू विमान राफेल की खरीद को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में ‘क्लीनचिट’ दिये जाने पर सवाल उठाते हुये कैग की विश्वसनीयता पर संदेह व्यक्त किया। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और रक्षा मामलों पर संसद की परामर्श समिति के सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य ने संसद में कैग की रिपोर्ट पेश होने के बाद कहा कि रिपोर्ट को एक नजर देखने के बाद फौरी तौर पर ऐसा लगता है कि सौदे का सही आकलन हुआ ही नहीं है। सही आकलन क्यों नहीं हुआ... मुझे लगता है कि कुछ तथ्यों को छुपाने के लिये कोई बंदोबस्त हुआ है।
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राजद के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने भी कैग की रिपोर्ट में राफेल खरीद को क्लीनचिट देने पर कहा कि रिपोर्ट भरोसे के लायक नहीं है। झा ने दलील दी, भारतीय सांख्यकीय संगठन से व्यक्ति विशेष के इस्तीफे के बाद से ही हम लगातार कह रहे थे कि अब देश में आंकड़े भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के दौर में दलित महफूज नहीं है, अल्पसंख्यक महफूज नहीं है, महिलायें महफूज नहीं हैं और अब आंकड़े भी महफूज नहीं हैं। हमारा सवाल है कि आंकड़े आखिर क्यों छुपाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट से स्पष्ट हो गया कि यह पसंद के आंकड़े तैयार करने वाली सरकार है।
राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि राफेल पर कैग की रिपोर्ट भरोसे के लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की जो कारगुजारियां हैं उनसे हम भलीभांति परिचित हैं। हमें मालूम था कि यहां भी (कैग रिपोर्ट) कुछ लीपापोती होगी। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने राफेल पर न सिर्फ कैग की समूची रिपोर्ट को बल्कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक को भी संदिग्ध बताया है। येचुरी ने कहा कि मौजूदा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, राफेल करार होने से पहले वित्त मंत्रालय में थे। वह स्वयं राफेल खरीद सौदे का हिस्सा थे ऐसे में वह इसकी लेखा परीक्षा नहीं कर सकते हैं।
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बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा कि राफेल विमान सौदे पर बहु प्रतीक्षित कैग रिपोर्ट जनता की नजर में आधी अधूरी। यह न तो संपूर्ण है और ना ही पूरी तरह से सही है। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा सरकार में क्यों संवैधानिक संस्थायें अपना काम पूरी ईमानदारी से नहीं कर पा रही हैं? देश चिंतित है।
The much awaited CAG report on Rafale tabled in Rajya Sabha is neither complete nor fully correct in the eyes of public. Why constitutional bodies are under stress not been able to work with full honesty in the BJP government. Country is worried.
— Mayawati (@Mayawati) February 13, 2019
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