केवल लैंडर से संपर्क टूटा है, 135 करोड़ भारतीयों की उम्मीद नहीं : उपराष्ट्रपति
‘‘मैं इसरो के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और चंद्रयान-2 से जुड़े सभी लोगों को अंतरिक्ष अन्वेषण में नए मोर्चे पर विजय प्राप्त करने के प्रयास में उनकी कड़ी मेहनत एवं प्रतिबद्धता के लिए सलाम करता हूं।’’
नयी दिल्ली। चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूटने पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि निराश होने वाली कोई बात नहीं है। नायडू के मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘ निराश होने की कोई जरूरत नहीं है। इसरो का केवल लैंडर से संपर्क टूटा है, 1.3 अरब भारतीयों की उम्मीद नहीं...। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऑर्बिटर अपने पेलोड के साथ अब भी काम कर रहा है।
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उन्होंने लिखा, ‘‘ मैं इसरो के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और चंद्रयान-2 से जुड़े सभी लोगों को अंतरिक्ष अन्वेषण में नए मोर्चे पर विजय प्राप्त करने के प्रयास में उनकी कड़ी मेहनत एवं प्रतिबद्धता के लिए सलाम करता हूं।’’ नायडू ने भारतीय अनुसंधान संगठन (इसरो) को उनके
There is nothing to despair. ISRO only lost communication with the Lander & not the hopes of 1.3 billion Indians. The Orbiter with its payloads is performing its mission. @isro #Chandrayaan2
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) September 7, 2019
आर्बिटर तथा उसके अन्य उपकरण भली भांति कार्य कर रहे हैं और हमें उपयोगी जानकारी देते रहेंगे। चरैवेति चरैवेति।
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) September 7, 2019
देश को इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की उपलब्धियों पर सदैव गर्व है।@isro #isro #Chandrayaan2
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गौरतलब है कि चंद्रयान -2 के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। संपर्क तब टूटा, जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था। लैंडर को रात लगभग एक बजकर 38 मिनट पर चांद की सतह पर लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन चांद पर नीचे की तरफ आते समय 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया।
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