वैष्णव ने मोइत्रा के खिलाफ जांच की मांग पर कहा-एनआईसी पूरा सहयोग करेगा

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मंत्री ने कहा कि उपयोगकर्ता-पहुंच और वेबसाइट नीति से संबंधित मामले उन संस्थाओं के दायरे में हैं जो एनआईसी से सेवाएं लेते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा वेबसाइट के मामले में, एनआईसी से सेवाएं प्राप्त करने वाली संस्था लोकसभा अध्यक्ष के नियंत्रण के तहत लोकसभा सचिवालय है।’’

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे द्वारा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच में संसद की आचार समिति का ‘‘पूरा सहयोग’’ करेगा।

दुबे ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर वैष्णव के पत्र की एक प्रति साझा करते हुए कहा कि यह एक ‘धर्म युद्ध’ की शुरुआत है। वहीं, टीएमसी की लोकसभा सदस्य मोइत्रा ने कहा कि वह दुबे के पत्र पर वैष्णव की प्रतिक्रिया से ‘‘खुश’’ हैं।

दुबे ने मोइत्रा पर अडाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर लोकसभा में सवाल पूछने के लिए पैसे लेने का आरोप लगाया है। इससे पहले, भाजपा सांसद ने इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा था।

वैष्णव को 15 अक्टूबर को लिखे अपने पत्र में दुबे ने मंत्री से मोइत्रा के खिलाफ आरोपों को ‘‘अत्यंत गंभीरता’’ से लेते हुए टीएमसी सांसद के लोकसभा अकाउंट के लॉगिन के संबंध में ‘आईपी एड्रेस’ की जांच कराने की मांग की और यह पता लगाने का आग्रह किया कि क्या कभी उनके अकाउंट को उस स्थान से लॉगिन किया गया, जहां वह मौजूद नहीं थीं।

दुबे को जवाब देते हुए आईटी मंत्री ने कहा कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे गंभीर महत्व के हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एनआईसी उसकी सेवाएं प्राप्त करने वाली संस्थाओं के निर्देश पर एक सेवा प्रदाता के रूप में कार्य करता है। एक सेवा प्रदाता के रूप में, एनआईसी भारत सरकार की विभिन्न संस्थाओं को आईटी सेवाएं प्रदान करने में सहायक है।’’

मंत्री ने कहा कि उपयोगकर्ता-पहुंच और वेबसाइट नीति से संबंधित मामले उन संस्थाओं के दायरे में हैं जो एनआईसी से सेवाएं लेते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा वेबसाइट के मामले में, एनआईसी से सेवाएं प्राप्त करने वाली संस्था लोकसभा अध्यक्ष के नियंत्रण के तहत लोकसभा सचिवालय है।’’

वैष्णव ने कहा, ‘‘आपके पत्र में उठाए गए मुद्दे निस्संदेह गंभीर महत्व के हैं। आपके पत्र की विषय वस्तु वर्तमान में आचार समिति (लोकसभा) की जांच के अधीन है।’’ मंत्री ने आश्वस्त किया कि एनआईसी इस मामले में लोकसभा सचिवालय के किसी भी निर्देश का तुरंत जवाब देगा।

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘एनआईसी इस मामले की जांच में आचार समिति को भी पूरा सहयोग देगा।’’ दुबे ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा कि एक सांसद के लालच ने देश की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘रावण का पुतला जलाने के बाद धर्म युद्ध की शुरुआत...यह देश की सुरक्षा और अखंडता का सवाल है, जो दलगत राजनीति से ऊपर है।’’

दुबे के पत्र के संबंध में वैष्णव की प्रतिक्रिया पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मोइत्रा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘फर्जी डिग्री वाले को मेरे खिलाफ जांच में समर्थन का वादा करने वाले अश्विनी वैष्णव के पत्र के बारे में जानकर खुशी हुई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल बच्चों के साथ हवाई अड्डे के एटीसी कक्ष में फर्जी दुबे के अवैध रूप से दाखिल होने के संबंध में गृह मंत्रालय और नागर विमानन मंत्रालय की जांच का अब भी इंतजार कर रही हूं।’’

पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से सांसद मोइत्रा ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि दो दिन पहले, दुबे ने कहा था कि एनआईसी ने पहले ही जांच एजेंसी को जानकारी प्रदान कर दी है।

मोइत्रा ने कहा, ‘‘कौन झूठ बोल रहा है? दो दिन पहले फर्जी डिग्री वाले ने कहा था कि एनआईसी ने पहले ही जांच एजेंसी को ‘दुबई’ से लॉगिन सहित सारा विवरण दे दिया है। अब अश्विनी वैष्णव का कहना है कि अगर लोकसभा या आचार समिति द्वारा पूछा जाएगा तो एनआईसी भविष्य में जानकारी देगा।’’

उन्होंने दुबे के संसदीय क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘भाजपा, मुझ पर हमला करने के लिए आपका स्वागत है, लेकिन अडाणी प्लस गोड्डा शायद सर्वश्रेष्ठ रणनीतिकार नहीं हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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