दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम पर नीतीश ने कहा- जनता मालिक है
नीतीश जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उनकी पार्टी ने दिल्ली के दो विधानसभा क्षेत्रों- बुरारी और संगम विहार में अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे थे और इन दोनों सीटों पर उनकी पार्टी के प्रत्याशी बड़े अंतर से पीछे हैं।
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीज को लेकर कहा कि जनता मालिक है।नीतीश की पार्टी जदयू भाजपा और लोजपा के साथ मिलकर दिल्ली विधानसभा के चुनावी मैदान में उतरी थी। यहां मंगलवार को आरएसएस के विचारक दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर जब पत्रकारों ने उनसे दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर प्रश्न पूछे तो उन्होंने कहा कि जनता मालिक है। इतना कहकर वह आगे बढ गए। नीतीश जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उनकी पार्टी ने दिल्ली के दो विधानसभा क्षेत्रों- बुरारी और संगम विहार में अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे थे और इन दोनों सीटों पर उनकी पार्टी के प्रत्याशी बड़े अंतर से पीछे हैं। हालांकि राष्ट्रीय राजधानी में जदयू कभी भी बड़ी खिलाड़ी नहीं रही लेकिन भाजपा ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी को परास्त करने के लिए बिहार के अपने छोटे सहयोगियों का सहयोग लिया।
AAP chief Arvind Kejriwal: I thank people of Delhi for reposing their faith in AAP for the third time. This the victory of the people who consider me as their son and voted for us. #DelhiElectionResults pic.twitter.com/Txq1O92tso
— ANI (@ANI) February 11, 2020
दिल्ली में भाजपा के साथ चुनावी गठजोड़ को लेकर पूर्व जदयू महासचिव पवन वर्मा ने सवाल उठाते और नाराजगी व्यक्त करते हुए नीतीश को पत्र लिखा था जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।ऐसा जदयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के साथ भी हुआ जिनकी संस्था केजरीवाल केचुनावी रणनीतिकार के रूप में काम रही थी। जदयू से निष्कासित किए जाने से नाराज प्रशांत ने दिल्ली चुनाव संपन्न होने के बाद पटना आकर अपनी आगे की रणनीति का खुलासा तथा नीतीश को बेनकाब करने की धमकी दी है। बिहार का विपक्षी दल लालू प्रसाद का राजद अपने सहयोगी दल कांग्रेस के साथ मिलकर दिल्ली चुनाव में उतरा था पर उसके भी प्रत्याशी बडे अंतर से पीछे हैं। हालांकि दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम जदयू को इस मामले में राहत दे सकती है कि भाजपा के इस घोषणा के बावजूद राजग इस साल के अंत में होने वाला बिहार विधानसभा चुनाव नीतीश के नेतृत्व में लडेगा, प्रदेश के उसके कुछ नेता नीतीश की मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर स्वीकार्यता प्रश्न उठाते रहे हैं,अब उनकी बयानबाजी पर लगाम लग सकता है।
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बिहार में भाजपा ने जदयू और लोजपा के साथ गठजोड कर पिछले साल संपन्न लोकसभा चुनाव लडा था और भारी जीत दर्ज की थी। वर्ष 2013 में भाजपा के साथ संबंध तोडने के बाद नीतीश ने बिहार विधानसभा चुनाव 2015 महागठबंधन बनाकर राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर लडा था और उस समय संघ-मुक्त भारत बनाने की बात कही थी। बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में महागठबंधन भारी बहुमत से बिहार में सत्ता आयी थी पर वर्ष 2017 में नीतीश ने राजद और कांग्रेस से नाता तोडकर भाजपा के साथ मिलकर प्रदेश में राजग की सरकार बना ली थी।
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