पेट्रोल-डीजल मूल्यवृद्धि पर दिग्विजय ने कहा- मोदी के लिए ‘‘पैसा कमाने का अवसर है’’ कोरोना वायरस आपदा
दिग्विजय ने कहा कि वर्ष 2008 में जब तत्कालीन संप्रग नीत केंद्र सरकार के समय कच्चे तेल का भाव 140 डॉलर प्रति बैरल था और पेट्रोल का भाव लगभग 50 रूपये प्रति लीटर तथा डीजल का भाव 40-42 रुपये प्रति लीटर था, तब भाजपा ने पूरे देश में प्रदर्शन किया था।
दिग्विजय ने कहा कि वर्ष 2008 में जब तत्कालीन संप्रग नीत केंद्र सरकार के समय कच्चे तेल का भाव 140 डॉलर प्रति बैरल था और पेट्रोल का भाव लगभग 50 रूपये प्रति लीटर तथा डीजल का भाव 40-42 रुपये प्रति लीटर था, तब भाजपा ने पूरे देश में प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा, आज जब कच्चा तेल 40 डॉलर प्रति बैरल है, तब पेट्रोल-डीजल महंगा हो गया है। डीजल 80 रूपये प्रति लीटर हो गया और पेट्रोल की कीमत 80 रूपये प्रति लीटर के पार हो चुकी है। दिग्विजय ने केन्द्र सरकार से मांग की कि कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय दाम कम होने का पूरा फायदा जनता को दिया जाये। उन्होंने कहा, केन्द्र सरकार को केंद्रीय आबकारी शुल्क कम करना चाहिए। दिग्विजय ने दावा किया, जब से मोदीजी आये हैं, तब से डीजल एवं पेट्रोल पर 34 रूपया ज्यादा आबकारी शुल्क लगने लगा है। उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2008 में शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री रहते हुए पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों पर तत्कालीन संप्रग नीत केन्द्र सरकार के खिलाफ मुख्यमंत्री निवास से मंत्रालय तक साइकिल निकालकर नौटंकी की थी। अगर उनमें हिम्मत है तो मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के खिलाफ हमारे साथ साइकिल पर चलें। हम उनके साथ मंत्रालय जाने के लिए तैयार हैं।’’आम जनता की हर चीज़ डीज़ल के भाव बड़ने से महँगी हो जायेगी किसान पर भार बड़ जायेगा खेती महँगी हो जायेगी। कोरोना वाक़ई में मोदी जी के लिये स्वर्णिम अवसर में “आपदा को अवसर” में बदलने के लिए। उन्हें क्या चिंता है, जब तक EVM है कौन उन्हें हटा सकता है?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) June 24, 2020
इसे भी पढ़ें: मोदी सरकार ने कोरोना महामारी और पेट्रोल-डीजल की कीमतें ‘अनलॉक’ कर दीं: राहुल
वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं मध्य प्रदेश के गृह, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, पेट्रोल एवं डीजल पर प्रदर्शन कर कांग्रेस जनता का ध्यान बांटना चाह रही है। यह उनका राजनीतिक ड्रामा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में पेट्रोल एवं डीजल के दाम पांच रूपये कम करने को कहा था, लेकिन प्रदेश में सरकार बनने पर उन्होंने (तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने) दो रूपये बढ़ा दिये। मिश्रा ने कहा, बढ़े हुए इस पैसे को वे आईफा अवार्ड समारोह पर खर्च कर रहे थे। वहीं, अगर हम बढ़ाते हैं तो हम कोरोना वायरस पर खर्च करते हैं।
अन्य न्यूज़