Baramulla Result: पिता पाकिस्तान के परमाणु बम से डरा रहे थे, बेटा सभी को खिलाफ चुनाव लड़ने की दे रहे थे चुनौती, जेल में बंद उम्मीदवार से मिली हार
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) नेता उमर अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी) के प्रमुख सज्जाद गनी लोन और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (जेकेपीडीपी) के फयाज अहमद मीर अब तक मुख्य दावेदार थे। बारामूला में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान हुआ था।
उत्तरी कश्मीर के बारामूला लोकसभा क्षेत्र में जेल में बंद निर्दलीय उम्मीदवार इंजीनियर राशिद ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को पराजित कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) नेता उमर अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी) के प्रमुख सज्जाद गनी लोन और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (जेकेपीडीपी) के फयाज अहमद मीर अब तक मुख्य दावेदार थे। बारामूला में पांचवें चरण में 20 मई को मतदान हुआ था।
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सभी नेताओं को चुनौती दे रहे थे अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद को चुनौती दी कि वह कैमरे के पीछे छिपकर उनकी पार्टी को निशाना बनाकर बयान देने के बजाय आगामी लोकसभा चुनाव उनके खिलाफ लड़ें।
कौन हैं इंजीनियर रशीद?
इंजीनियर रशीद या शेख अब्दुल रशीद लंगेट विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक हैं। राशिद ने 2008 और 2014 में लंगेट से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और चुनाव जीता। 2014 और 2019 में राशिद ने बारामूला से लोक सहबा का चुनाव भी लड़ा था। 2019 में उन्हें 1,02,168 (22.43 प्रतिशत) वोट मिले, जबकि 2014 में उन्हें सिर्फ 22,090 (4.74 प्रतिशत) वोट मिले। राशिद ने अपना राजनीतिक करियर 2008 में शुरू किया जब उन्होंने कंस्ट्रक्शन इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी और लंगेट सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा।
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राशिद यूएपीए के तहत तिहाड़ जेल में बंद है
इंजीनियर राशिद वर्तमान में तिहाड़ जेल में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम - यूएपीए - के तहत कारावास की सजा काट रहा है। राशिद आगामी चुनाव सलाखों के पीछे से लड़ेंगे। राशिद को 2019 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया था।
इंजीनियर रशीद से जुड़े विवाद
2005 में इंजीनियर राशिद को श्रीनगर में स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के तहत आतंकवादियों का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था और 17 दिनों के लिए जेल में डाल दिया था। हालाँकि, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीनगर द्वारा मानवीय आधार पर उनके खिलाफ सभी आरोप हटा दिए गए थे।
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