CM योगी बोले, ‘दलालों’ को रास नहीं आ रही किसानों की खुशहाली, सरकार को बदनाम करने की रच रहे साजिश
योगी ने कहा, ‘‘हर साल किसानों को 6,000 रुपये ‘किसान सम्मान निधि’ दी जा रही है। आज एक क्लिक दबाने पर पैसा किसान के खाते में चला जाता है। पहले कांग्रेस के समय में होता यह था कि दिल्ली से 100 रुपये भेजे जाते थे लेकिन किसान-मजदूर तक 10 रुपये ही पहुंचते थे।
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि पिछली कांग्रेस सरकारों के कार्यकाल में विकास योजनाओं का 90 प्रतिशत धन हड़प जाने वाले ‘दलालों’ को अब किसानों की खुशहाली रास नहीं आ रही है और वे सरकार को बदनाम करने के लिये तरह-तरह के षड्यंत्र रच रहे हैं। योगी ने मुंडेरवा और पिपराइच चीनी मिल के सल्फरलेस प्लांट का लोकार्पण करने के बाद अपने सम्बोधन में कहा, ‘‘हर साल किसानों को 6,000 रुपये ‘किसान सम्मान निधि’ दी जा रही है। आज एक क्लिक दबाने पर पैसा किसान के खाते में चला जाता है। पहले कांग्रेस के समय में होता यह था कि दिल्ली से 100 रुपये भेजे जाते थे लेकिन किसान-मजदूर तक 10 रुपये ही पहुंचते थे। बाकी के 90 रुपये बीच में दलाल खा जाते थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज उन दलालों को बुरा लगता है कि उनके द्वारा की जाने वाली लूट-खसोट को टेक्नोलॉजी के माध्यम से पूरी तरह रोक दिया गया है तो यह लोग आज सरकारों को बदनाम करने के लिए तमाम तरह के षड्यंत्र करने में लगे हुए हैं। मैं उत्तर प्रदेश की जनता को धन्यवाद दूंगाजिन्होंने कल विपक्ष के बंद के आह्वान को पूरी तरह फ्लॉप करते हुए यह साबित किया है कि वह विकास के साथ हैं।’’
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योगी ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में दो करोड़ 20 लाख किसानों को किसान सम्मान योजना के तहत कुल 4,445 करोड़ रुपए की किस्त दी जा रही है। इतनी भारी रकम कभी भी किसानों के खाते में नहीं गई। कुछ लोग कहते थे कि यह चुनावी शिगूफा है... एक बार देंगे आगे नहीं देंगे... क्या यह समाजवादी पार्टी का लैपटॉप है कि एक बार देंगे और बाद में वापस मंगा लेंगे।’’ मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘पिछली सरकारों ने एक साजिश के तहत प्रदेश की 21 चीनी मिलों को बेचा। हम लोगों ने उस वक्त आंदोलन भी किया था, लेकिन पिछले 21 वर्षों तक किसी सरकार ने इस बात को नहीं सुना। जब प्रदेश में भाजपा की सरकार आई तो पिपराइच और मुंडेरवा में फिर से नई चीनी मिलों की स्थापना हुई। महामारी के दौरान भी हमने प्रदेश की 119 चीनी मिलें संचालित कीं। इसके साथ ही हमने अब तक उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड 1,12,000 करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भी भुगतान किया गया है। यह पैसा इतना है, जितना बहुत सारे राज्यों का वार्षिक बजट भी नहीं होता।’’ उन्होंने कहा कि मुंडेरवा और पिपराइच चीनी मिल के सल्फरलेस प्लांट में रिफाइंड चीनी बनेगी और दुनिया के बड़े-बड़े होटलों, चिकित्सालयों, दवा कंपनियों और अन्य संस्थानों में जाएगी। पिपराइच चीनी मिल 1932 में बनी निजी क्षेत्र की चीनी मिल थी। वर्ष 1974 में इस चीनी मिल का अधिग्रहण कर लिया गया लेकिन 1999 में चीनी मिल को बंद कर दिया गया। ऐसे ही मुंडेरवा की चीनी मिल भी 1932 में ही लगी थी, वर्ष 1984 में इसका अधिग्रहण किया गया और 1999 में इसे भी बंद कर दिया गया। भाजपा सरकार ने इन्हें फिर से बनाया है।
Previous governments sold 21 sugar mills as part of a conspiracy. When our govt was formed we opened new sugar mills in Pipraich & Munderva. Four times more sugarcane was processed at new mills: CM Yogi Adityanath at inauguration of sulphur-less plant of sugar mill in Pipraich pic.twitter.com/eX96xGLLw1
— ANI UP (@ANINewsUP) December 9, 2020
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