अब CAA कानून वापस लेने की उठी मांग, केंद्रीय मंत्री बोले- कुछ लोग गलतफहमी के शिकार
अब कुछ संगठनों की ओर से यह मांग भी तेज होने लगी है कि सीएए को भी वापस लिया जाए। सोशल मीडिया पर भी यह जमकर ट्रेंड कर रहा है। कई मुस्लिम नेता तो सरकार से अब यह अपील करने लगे हैं कि ऐसे ही सीएए कानून को भी वापस लेने पर विचार किया जाए।
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया है। इस बात का ऐलान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए किया। इन सबके बीच अब कुछ संगठनों की ओर से यह मांग भी तेज होने लगी है कि सीएए को भी वापस लिया जाए। सोशल मीडिया पर भी यह जमकर ट्रेंड कर रहा है। कई मुस्लिम नेता तो सरकार से अब यह अपील करने लगे हैं कि ऐसे ही सीएए कानून को भी वापस लेने पर विचार किया जाए। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी अब सीएए का मुद्दा छेड़ दिया है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार ने कृषि क़ानूनों को रद्द करने का फ़ैसला देरी से लिया है। यह किसान आंदोलन और किसानों की सफलता है। चुनाव में जाना था इसलिए केंद्र सरकार ने यह फ़ैसला लिया है। वह दिन भी दूर नहीं है, जब मोदी सरकार CAA का क़ानून भी वापस लेगी।
विपक्ष को इस फ़ैसले का स्वागत करना चाहिए। तीनों कृषि क़ानून वापस लेने के बाद विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं है। विपक्ष सोच रहा है कि कृषि क़ानून वापस हो गए तो CAA-NRC भी वापस हो जाएगा। CAA-NRC वापस करने की मांग जो कर रहे हैं, वे गलतफहमी के शिकार हैं: केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर pic.twitter.com/7uVkJknZ2Q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 20, 2021
केंद्रीय मंत्री का पलटवार
इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री ने सीएए को निरस्त करने की मांग करने वाले लोगों पर पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि विपक्ष को इस फ़ैसले का स्वागत करना चाहिए। तीनों कृषि क़ानून वापस लेने के बाद विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं है। विपक्ष सोच रहा है कि कृषि क़ानून वापस हो गए तो CAA-NRC भी वापस हो जाएगा। CAA-NRC वापस करने की मांग जो कर रहे हैं, वे गलतफहमी के शिकार हैं। गौरतलब है कि विपक्ष के कई दल लगातार सीएए कानून वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस भी कानून वापस के खिलाफ है।
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आपको बता दें कि सीएए कानून को लेकर भी देश में लंबा प्रदर्शन हुआ था। कोरोना काल से पहले देश के कई हिस्सों में एक समुदाय के द्वारा सीएए कानून का विरोध किया गया था। हालांकि सरकार ने उस वक्त भी साफ कहा था कि यह कानून वापस नहीं होगा। कृषि कानून वापस लेने की बात जमीअत ई उलेमा हिंद के प्रमुख अरशद मदनी ने भी सरकार से अबल साएए कानून वापस लेने की बात कह दी है।
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