अब राहुल गांधी ने सरकार से पूछा, राफेल पर कैग की रिपोर्ट कहा हैं
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि पीएसी (लोक लेखा समिति) को कैग रिपोर्ट दी गई है, जबकि पीएसी को कोई रिपोर्ट नहीं मिली।’
नयी दिल्ली। राफेल मामले पर उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद राहुल गांधी ने शुक्रवार को इस विमान सौदे में भ्रष्टाचार होने का आरोप फिर दोहराया और कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार बताए कि इस मामले पर कैग की रिपोर्ट कहां है जिसका उल्लेख शीर्ष अदालत में किया गया है। गांधी ने इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग करते हुए कहा कि अगर यह जांच हो गई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति अनिल अंबानी का नाम ही सामने आएगा।
#WATCH live via ANI FB: Congress President Rahul Gandhi addresses the media.
— ANI (@ANI) December 14, 2018
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उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि पीएसी (लोक लेखा समिति) को कैग रिपोर्ट दी गई है, जबकि पीएसी को कोई रिपोर्ट नहीं मिली।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ ये कैसे हो सकता है कि जो कैग रिपोर्ट फैसले की बुनियाद है वो पीएसी में किसी को नहीं दिखी लेकिन उच्चतम न्यायालय में दिखी?’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जब कोई झूठ बोलता है तो वह कहीं न कहीं नजर आ जाता है। अब सरकार हमें बताए कि सीएजी रिपोर्ट कहा हैं? हमें यह दिखाएं।’’
Congress President Rahul Gandhi: How can it be possible that the foundation of SC judgement saying that pricing has been discussed in CAG report...PAC chairman (M Kharge) is sitting here, how come he never saw it. No one in PAC ever saw it. But Supreme Court saw it. #RafaleDeal pic.twitter.com/WWYR4fzZpe
— ANI (@ANI) December 14, 2018
गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘ मोदी जी ने संस्थाओं की धज्जियां उड़ा दी हैं। सच्चाई यह है कि यहां पर 30 हजार करोड़ रुपये की चोरी हुई है। देश का चौकीदार चोर है। प्रधानमंत्री जी ने अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रुपये की चोरी कराई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी जितना छिपना है, छिप लें। जिस दिन जेपीसी की जांच हो गई उस दिन दो नाम निकलेंगे-अनिल अंबानी और नरेंद्र मोदी।’’
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गांधी ने कहा कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के किसानों का कर्ज माफ होने जा रहा है। उच्चतम न्यायालय ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में नरेन्द्र मोदी सरकार को शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी। साथ ही शीर्ष अदालत ने सौदे में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज किया।
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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है। ऑफसेट साझेदार के मामले पर तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि किसी भी निजी फर्म को व्यावसायिक लाभ पहुंचाने का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
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