जश्न नहीं मना रहे, काम का हिसाब दे रहेः अमित शाह

[email protected] । May 30 2016 10:49AM

शाह ने कहा, ‘‘आप क्या इसमें जश्न देख रहे हैं? मुझे लगता है कि सरकार का काम लोगों तक पहुंचाना, जनता के साथ प्रत्यक्ष संवाद करना, जनादेश के अनुसार हिसाब देना, जश्न मनाना नहीं है।’’

हैदराबाद। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि उनकी पार्टी जश्न नहीं मना रही बल्कि अपने कामकाज का जनता को सिर्फ हिसाब दे रही है। वह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की इस आलोचना कि ‘‘राजग सरकार सत्ता में दो साल पूरे होने पर जश्न मना रही है जबकि कई राज्य सूखे की मार झेल रहे हैं’’ का जवाब दे रहे थे। राहुल गांधी की टिप्पणी के संबंध में पूछने पर शाह ने रविवार को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप क्या इसमें जश्न देख रहे हैं? कोई समारोह नहीं हो रहा। मुझे लगता है कि प्रेस के माध्यम से सरकार का काम लोगों तक पहुंचाना, जनता के साथ प्रत्यक्ष संवाद करना, जनादेश के अनुसार हिसाब देना, जश्न मनाना नहीं है।’’

आरोप लगाते हुए कि राहुल ने सिर्फ मीडिया में बयान दे दिया और संकेतीकरण में उलझे हुए हैं, शाह ने कहा कि राजग सरकार ने गरीबों का जीवन स्तर बढ़ाने में मदद की है। उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी सिर्फ बयान देते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन कलावती का क्या हुआ जिनके घर में आप ठहरे थे। हमने उन्हें बिजली और घरेलू गैस मुहैया कराने का प्रयास किया था। उन्होंने सिर्फ फोटो खिंचवायी थी।’’ राहुल गांधी 2008 में विदर्भ की एक विधवा किसान कलावती बंदुरकर के घर गए थे और संसद में उनकी तकलीफें बयान की थीं। इस घटना के बाद कलावती लंबे समय तक मीडिया में छायी रही थीं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की आलोचनाओं के संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा कि मोदी ने अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह के मुकाबले कम विदेश यात्राएं की हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी ने मनमोहन सिंह के मुकाबले कम यात्राएं की हैं। लेकिन दिक्कत यह है कि उनकी (सिंह) यात्राओं के दौरान इस देश या उस देश (विदेश) में किसी को जानकारी ही नहीं हुई। वह अंग्रेजी में दो पन्ने का भाषण पढ़ा करते थे। कई बार तो पन्ने भी बदल गए। वह थाईलैंड का भाषण मलेशिया में और मलेशिया का भाषण थाईलैंड में पढ़ते थे। मोदीजी जहां भी जाते हैं.. वहां उनका स्वागत होता है।’’

यह पूछने पर कि क्या भाजपा राज्यसभा में विधेयक पारित कराने के लिए तेदेपा और टीआरएस जैसे क्षेत्रीय दलों का सहयोग लेगी, क्योंकि सदन में सदस्यों का समीकरण बदलने वाला है, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि दलगत राजनीति से इतर राज्यसभा में सभी को सरकार के विकास एजेंडे का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का प्रयास है कि राज्यसभा में सभी को दलगत राजनीति से इतर विकास एजेंडों का समर्थन करना चाहिए। यह सच है कि हमारे मित्रों की संख्या बढ़ने पर विकास के सभी मुद्दों पर हमें लाभ होगा।’’

केन्द्रीय कैबिनेट में फेरबदल के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रधानमंत्री तय करेंगे। जब ऐसा होगा तो आपको सूचना मिल जाएगी।’’ महाराष्ट्र में सहयोगी शिवसेना का सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी भाजपा के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणियों के बारे में पूछने पर शाह ने कहा कि राजग के भीतर लोकतंत्र है। उन्होंने कहा, ‘‘राजग के भीतर लोकतंत्र है। शिवसेना की चिंता ना करें, हम संभाल लेंगे।’’

प्रदेशों में सूखे की स्थिति से निपटने संबंधी कदमों के बारे में पूछने पर भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अलग-अलग बैठकें की हैं। उन्होंने कहा, ‘‘केन्द्र ने सूखा राहत कदम उठाने के लिए सभी राज्यों की जरूरतों को समझा है।’’

कश्मीरी पंडितों के जम्मू-कश्मीर वापसी के संबंध में किए गए सवालों पर शाह ने कहा कि इस मुद्दे पर गठबंधन सहयोगियों भाजपा और पीडीपी में कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा, ''जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्र: महबूबाजी ने भी कहा है कि कश्मीरी पंडितों को वहां रहना चाहिए। दोनों दलों के बीच कोई मतभेद नहीं है।’’

काला धन वापस लाने के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के विपरीत राजग सरकार ने कैबिनेट की अपनी पहली बैठक में ही इस मामले को विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपने का फैसला लिया था। कांग्रेस सरकार ने कथित रूप से मामले की जांच लंबे वक्त तक लटकाए रखा।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा के संबंध में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इस पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है। टीआरएस और भाजपा के बीच गठबंधन की संभावनाओं के बारे में पूछने पर शाह ने कहा, ‘‘टीआरएस से अभी तक ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। यदि कोई कहता है तो हम इसके बारे में सोचेंगे। हमें लगता है कि भाजपा तेलंगाना में महत्वपूर्ण ताकत बनकर उभरेगी। आप 2019 के चुनावों में देख सकेंगे।’’

शाह ने जोर देकर कहा कि भाजपा तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के वादे पर सवाल किए जाने पर शाह ने कहा कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशें के आधार पर उसमें कुछ ‘‘प्रशासनिक समस्याएं’’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘14वें वित्त आयोग के कारण विशेष दर्जा में कुछ प्रशासनिक दिक्कतें हैं। लेकिन हम उन्हें हल कर लेंगे.. और हम संसद में किए गए वादे को पूरा करने की दिशा में काम करेंगे। हमने अकेले वादा नहीं किया है, वह वादा देश की संसद में किया गया है।’’ उन्होंने पिछले दो वर्षों में राजग सरकार की विभिन्न उपलब्धियों की भी चर्चा की।

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