अखिलेश का नाम लिए बिना बरसे शिवपाल, बोले- सपा की किसी भी बैठक में नहीं बुलाया गया, पार्टी हो रही कमजोर
प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने कहा कि हमें समाजवादी पार्टी की तरफ कभी भी किसी मीटिंग में नहीं बुलाया गया, परसों भी यशवंत सिन्हा यहां थे लेकिन नहीं बुलाया गया। राजनैतिक अपरिपक्वता की कमी होने के कारण ये सब होता चला जा रहा है और पार्टी कमजोर हो रही है, लोग पार्टी छोड़ रहे हैं।
लखनऊ। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) प्रमुख शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव का नाम लिए बिना हमला बोला। दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा उत्तर प्रदेश आए थे लेकिन शिवपाल यादव को नहीं बुलाया गया था और ही उन्हें इसकी जानकारी दी गई थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिवपाल यादव से मुलाकात की।
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इस दौरान राजग की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने भी शिवपाल यादव से मुलाकात की और उनसे चुनाव के लिए समर्थन मांगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के रिश्तों में खटास आ गई और शिवपाल यादव वापस से अपने संगठन को मजबूत करने में जुट गए।
द्रौपदी मुर्मू से मिले शिवपाल
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने कहा कि मैंने बहुत पहले कहा था जहां हमें बुलाया जाएगा, जो हमसे वोट मांगेगा हम उसे वोट देंगे। इससे पहले भी राष्ट्रपति के चुनाव हुए थे तो न तो हमें समाजवादी पार्टी ने बुलाया और न ही वोट मांगा। उस समय रामनाथ कोविंद जी ने वोट मांगा तो हमने दिया।
उन्होंने कहा कि कल मुझे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलाया तो मैं वहां गया द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात हुई। मैं मुख्यमंत्री जी से मिला उन्होंने मुझसे अच्छे तरीके से बात की।
सपा की मीटिंग में नहीं बुलाया
उन्होंने कहा कि हमें समाजवादी पार्टी की तरफ कभी भी किसी मीटिंग में नहीं बुलाया गया, परसों भी यशवंत सिन्हा यहां थे लेकिन नहीं बुलाया गया। राजनैतिक अपरिपक्वता की कमी होने के कारण ये सब होता चला जा रहा है और पार्टी कमजोर हो रही है, लोग पार्टी छोड़ रहे हैं।
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शिवपाल यादव ने कहा कि जब मैंने समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा और जीता तो हमसे भी राय लेनी चाहिए। अगर मेरा सुझाव माना गया होता और उन 100 प्रत्याशियों को टिकट दिया गया होता जिनका सुझाव हमने एक साल पहले दिया था तो आज समाजवादी पार्टी की स्थिति कुछ और होती।
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