अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक, राज्यों ने उठाया पानी का मसला
सतलुज-यमुना लिंक नहर को हरियाणा की जीवन रेखा बताते हुए खट्टर ने कहा कि उनका राज्य पानी की भीषण कमी से जूझ रहा है। राज्य को 3.6 करोड़ एकड़ फुट (एमएएफ) पानी की जरुरत है लेकिन उपलब्धता1.47 करोड़ एमएएफ पानी की है।
चंडीगढ़। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में शुक्रवार को चंडीगढ़ में हुई उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में हरियाणा ने कहा कि पंजाब उसे रावी-ब्यास नदी से पानी का उसका पूरा हिस्सा नहीं दे रहा है, ऐसे में उसके पास दूसरों को देने के लिए पानी नहीं है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में अपनी शिकायत दर्ज करायी। यह बैठक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली सहित उत्तरी क्षेत्र के सभी राज्यों के आपसी मतभेदों/विवादों को सुलझाने और उनपर चर्चा करने के लिए बुलायी गयी थी। सतलुज-यमुना लिंक नहर को हरियाणा की जीवन रेखा बताते हुए खट्टर ने कहा कि उनका राज्य पानी की भीषण कमी से जूझ रहा है। राज्य को 3.6 करोड़ एकड़ फुट (एमएएफ) पानी की जरुरत है लेकिन उपलब्धता1.47 करोड़ एमएएफ पानी की है।
Chaired the 29th Northern Zonal Council Meeting at Chandigarh.
— Amit Shah (@AmitShah) September 20, 2019
Had extensive discussions and many inter-state issues were amicably resolved. pic.twitter.com/hs2fV11Hg0
एनजेडसी के उपाध्यक्ष और बैठक के मेजबान खट्टर ने कहा कि हरियाणा उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए यमुना के पानी के अपने हिस्से से दिल्ली को अतिरिक्त पानी दे रहा है, लेकिन पंजाब उसे रावी-ब्यास नदी के पानी का पूरा हिस्सा नहीं दे रहा। खट्टर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हाल के वर्षों में यमुना में जलस्तर घटता-बढता रहा है और बड़े दुर्भाग्य की बात है कि हरियाणा के 1,000 से ज्यादा गांव और लाखों हेक्टेयर जमीन को पानी नहीं मिल रहा है।’’ मीडिया को बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं थी। इस बात से साफ इंकार करते हुए उनके राज्य के पास जरुरत से ज्यादा पानी है, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने भूजल के घटते स्तर की पृष्ठभूमि में राज्यों के समक्ष उत्पन्न जल संकट पर चिंता जतायी। उन्होंने जल संरक्षण के लिए सभी से आपसी सहयोग करने को कहा। बैठक के बाद सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘सभी राज्यों में बढ़ते जल संकट, विशेष रूप से गिरते भूजल स्तर के संबंध में अपनी गंभीर चिंता से एनजेडसी को अवगत कराया। पंजाब के पास दूसरों को देने लायक अतिरिक्त पानी नहीं है, ऐसे में हमें अपने सबसे मूल्यवान संसाधन के संरक्षण के लिए मिलजुल कर काम करना चाहिए।’’
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उन्होंने पंजाब और उत्तर क्षेत्र के अन्य राज्यों में नशे/मादक पदार्थों की लत का भी मुद्दा उठाया और इससे निपटने के लिए विस्तृत राष्ट्रीय मादक पदार्थ नीति बनाने की मांग की। सिंह ने उत्तर क्षेत्र में ईंधन पर लगने वाले कर की दरों में भी सुधार की मांग की। बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बैठक में भाग लेने वाले राज्यों ने अपनी चिंताएं बतायीं और अंतरराज्यीय तथा केन्द्र और राज्य से जुड़े विवादों का समाधान पूछा। उन्होंने बताया कि एनजेडसी की अगली बैठक जयपुर में होगी और वहीं इन चर्चाओं को आगे बढ़ाया जाएगा। बैठक में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यापाल मलिक, पंजाब के राज्यपाल और केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनोरे, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी हिस्सा लिया।
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