Manish Sisodia को नहीं मिली राहत, CBI मामले में 17 अप्रैल तक बढ़ी न्यायिक हिरासत
26 फरवरी को सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 तैयार करने और इसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 10 मार्च को सिसोदिया ने विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल के समक्ष जमानत याचिका दायर की था।
दिल्ली में कथित शराब घोटाला मामले में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 17 अप्रैल, 2023 तक के लिए बढ़ा दी है। यह न्यायिक हिरासत सीबीआई के मामले में है। इससे पहले सीबीआई ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया, जिसमें कहा गया कि जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है। सिसोदिया की न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही थी। यह देखते हुए आज उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था।
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इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज किए गए आबकारी नीति मामले में शुक्रवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने इसके साथ की कहा कि सिसोदिया प्रथम दृष्टया इस मामले में आपराधिक साजिश के सूत्रधार थे और उन्होंने दिल्ली सरकार में अपने और अपने सहयोगियों के लिए लगभग 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत के कथित भुगतान से संबंधित आपराधिक साजिश में सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख भूमिका निभाई।
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आपको बता दें कि 26 फरवरी को सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 तैयार करने और इसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 10 मार्च को सिसोदिया ने विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल के समक्ष जमानत याचिका दायर की था। 21 मार्च को अदालत ने मामले को और स्पष्टीकरण और जिरह के लिए स्थगित कर दिया। 24 मार्च को अदालत ने मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखा। हालांकि, 31 मार्च को अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
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