पीपीई की उपलब्धता को लेकर भयभीत होने की जरूरत नहीं: स्वास्थ्य मंत्रालय
अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के संक्रमण के 540 नये मामले सामने आये हैं और इस दौरान 17 लोगों की मौत हुई।
इस दौरान भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिक मनोज मुरहेकर ने संक्रमण के मामले सामने आने की गति स्थिर होने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश में अब तक कोरोना संक्रमण की जांच के लिये 1.30 लाख परीक्षण किये जा चुके हैं। मुरहेकर ने कहा कि इनमें पिछले 24 घंटों में किए गए 13,143 परीक्षण भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि परीक्षण में संक्रमित मामले सामने आने की दर तीन से पांच प्रतिशत के स्तर पर बरकरार है। इसमें कोई इजाफा नहीं हुआ है। अग्रवाल ने अस्पतालों में पीपीई की कमी से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘पीपीई को लेकर अफवाहों में आने या आतंकित होने की कोई जरूरत नहीं है। जरूरत सिर्फ इस बात की है कि पीपीई, एन-95 मास्क और अन्य उपकरणों की सीमित आपूर्ति को देखते हुये जरूरत के मुताबिक इनका संतुलित इस्तेमाल किया जाये।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मानकों के आधार पर एक स्वास्थ्यकर्मी के लिये एक दिन में एक मास्क का इस्तेमाल किया जाना चाहिये। कोई व्यक्ति चार मास्क भी इस्तेमाल कर सकता है, लेकिन यह गैरजरूरी है। सरकार सिर्फ जरूरत के मुताबिक ही संसाधनों के इस्तेमाल पर जोर दे रही है, संसाधनों की कोई कमी नहीं है।’’ अग्रवाल ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में राज्यों की मदद के लिये पूरी तरह से केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित ‘‘कोविड इमरजेंसी पैकेज’’ को मंजूरी दिये जाने की जानकारी देते हुये कहा कि राज्यों के स्तर पर इस संकट से निपटने में संसाधनों की कमी को बाधक नहीं बनने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस पैकेज के तहत कोरोना के रोगियों के लिये अलग से अस्पताल बनाने और प्रयोगशाला सहित अन्य जरूरी चिकित्सा संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी।PPE, मास्क और वेंटिलेटर की सप्लाई अब शुरू हो गई है। भारत में 20 घरेलू निर्माताओं को PPE के लिए विकसित किया गया है, 1.7 करोड़ PPE के लिए ऑर्डर दिए गए हैं और सप्लाई भी आना शुरू हो गया है। 49,000 वेंटिलेटर का ऑर्डर भी दिया जा चुका है: लव अग्रवाल, संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय pic.twitter.com/4iM6qGD6uK
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 9, 2020
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उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपये की निर्धारित राशि वाले इस पैकेज से कोरोना संकट से निपटने में राज्य सरकारों की जरूरी संसाधनों की तात्कालिक जरूरत की पूर्ति करने के मकसद से यह पहल की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को कोरोना के लिये अलग अस्पताल खोलने और इनके संचालन में तकनीकी मदद के लिये नौ राज्यों (उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना) में विशेषज्ञों के दस दल भेजे गये हैं। अग्रवाल ने कहा कि रेल मंत्रालय ने भी 3,250 डिब्बों को क्वारंटीन (पृथक वास)इकाइयों में तब्दील किया है। रेलवे कुल 5,000 डिब्बों को तब्दील करेगा। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन की अगुवाई में गठित मंत्री समूह की बैठक में भी इस संकट से निपटने के लिये चल रहे अभियान में संसाधनों की आपूर्ति एवं अन्य पहलुओं की समीक्षा की गयी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों और संक्रमण के संदिग्ध मरीजों को दी जाने वाली दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का भी देश में पर्याप्त भंडार उपलब्ध है। संवाददाता सम्मेलन में गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान विभिन्न स्थानों पर फंसे प्रवासी कामगारों की मदद के लिये मंत्रालय द्वारा शुरु की गयी हेल्पलाइन पर शिकायतों और समस्याओं का निराकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन पर औसतन 300 शिकायतों का प्रतिदिन निराकरण हो रहा है।
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