दिल्ली में भाजपा के मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनने का कोई इरादा नहीं: हरदीप पुरी
2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने डा. हर्षवर्धन को पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाया था जबकि 2015 के चुनाव में पूर्व पुलिस अधिकारी किरण बेदी को पार्टी के चेहरे के रूप में चुनाव मैदान में उतारा था।
नयी दिल्ली। आवास एवं शहरी मामलों के राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली में नागरिक सुविधाओं को विश्वस्तरीय बनाने में दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर बाधक बनने का आरोप लगाते हुये शनिवार को आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोला, हालांकि दिल्ली में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार बनने के सवाल पर पुरी ने कहा कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है।
For many years we were told that the process of delineation of unauthorised colonies of Delhi was a complicated & long process. Several deadlines were missed.
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) November 23, 2019
We have now decided to fast track this process to be completed in three months. pic.twitter.com/pGq0GcPzWg
पुरी ने शनिवार को दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया में इनकी सीमांकन की बाधा को दूर करने की घोषणा के लिये आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पिछले ढाई साल से इन कालोनियों के सीमांकन के अलावा मेट्रो, आवास और परिवहन सहित सभी बड़ी परियोजनाओं में सिर्फ बाधक बन रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि दिल्ली में चुनाव से पहले आवास, परिवहन, सड़क निर्माण और स्वच्छता से जुड़े तमाम बड़ी परियोजनायें पुरी द्वारा शुरु किये जाने के मद्देनजर क्या उन्हें भाजपा के मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जाये, पुरी ने कहा, महत्वपूर्ण फैसले करना और इन्हें लागू कराना मंत्रालय का काम है, इसका दिल्ली के चुनाव से कोई ताल्लुक नहीं है।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक दिल्ली में भाजपा के मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने का सवाल है, तो ऐसा मेरा कोई इरादा नहीं है।’’ यह पूछे जाने पर कि पार्टी अगर उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपती है तो क्या वह इसे स्वीकारेंगे, पुरी ने कहा, ‘‘दिल्ली में पार्टी के पास उन नेताओं का व्यवस्थित और बेहतर नेतृत्व है जो दिल्ली की राजनीति में ही बड़े हुये। मैं मूलत: वह व्यक्ति हूं जो लोकसेवक (सिविल सर्वेंट) से मंत्री बना है, इसलिये मैं जहां हूं वहां खुश हूं।’’ उल्लेखनीय है कि 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने डा. हर्षवर्धन को पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाया था जबकि 2015 के चुनाव में पूर्व पुलिस अधिकारी किरण बेदी को पार्टी के चेहरे के रूप में चुनाव मैदान में उतारा था। आम आदमी पार्टी के मुकाबले दिल्ली के चुनावी मैदान में भाजपा के ये दोनों प्रयोग कामयाब नहीं हो पाये थे।
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