अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए बजट में कोई प्रयास नहीं : विपक्ष

no-effort-in-budget-to-improve-economy-opposition
[email protected] । Feb 11 2020 2:08PM

अर्थव्यवस्था के बहुत ही खराब स्थिति में होने का दावा करते हुए विपक्षी दलों ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि इसमें सुधार के लिए सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं क्योंकि बजट पूरी तरह दिशाहीन है।

नयी दिल्ली। अर्थव्यवस्था के बहुत ही खराब स्थिति में होने का दावा करते हुए विपक्षी दलों ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि इसमें सुधार के लिए सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं क्योंकि बजट पूरी तरह दिशाहीन है। हालांकि इससे इंकार करते हुए सत्ता पक्ष ने कहा कि यह बजट वर्तमान समय की चुनौतियों को देख कर तैयार किया गया है जिसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। बजट 2020-21 पर उच्च सदन में सोमवार से चल रही सामान्य चर्चा को आगे बढ़ाते हुए भाकपा के विनय विश्वम ने बजट को असफल और वादे पूरे करने में अक्षम बताते हुए कहा ‘‘अर्थव्यवस्था सीधे सीधे वेंटीलेटर पर है, बाहर कैसे आएगी ? सरकार के पास एकमात्र संजीवनी ‘निजीकरण’ है।’’ उन्होंने आरोप लगाया ‘‘सरकार हर चीज का निजीकरण करना चाहती है । वह देश की संपदा निजी कारोबारियों के हाथ बेचना चाहती है। सरकार के पास एक विकल्प एफडीआई यानी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भी है।’’

इसे भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में BJP महासचिव कैलाश विजयवर्गीय हिरासत में लिए गए

विश्वम ने कहा कि खुद आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने निजीकरण का विरोध किया है। उन्होंने कहा ‘‘बीएमएस ने कहा है कि मध्यम वर्ग को राहत देने वाले एलआईसी का निजी हाथों में जाना ठीक नहीं होगा। इसके बावजूद सरकार राष्ट्रीय संपदा की बिक्री पर आमादा है जिसके अच्छे नतीजे नहीं होंगे।’’ उन्होंने कहा ‘‘एक ओर तो आप राष्ट्रीय गर्व की बात करते हैं लेकिन दूसरी ओर आप राष्ट्रीय संपदा को औने पौने दाम में निजी हाथों में दे रहे या एफडीआई की मदद ले रहे हैं।’’

इसे भी पढ़ें: लोगों ने भाजपा के विभाजनकारी विमर्श को खारिज कर दिया है: स्वरा भास्कर

विश्वम ने कहा कि ग्रामीण आय में कमी आई है, जाहिर है कि बेरोजगारी बढ़ेगी। ‘‘उस पर, सरकार ने मनरेगा के लिए आवंटन घटा दिया है।’’ भाकपा नेता ने कहा कि मध्यम वर्ग के लिए कोई राहत की बात बजट में नहीं है, न ही गरीब वर्ग को ध्यान में रखा गया है। ‘‘बेरोजगारी, महंगाई, आय में कमी, मुद्रास्फीति जैसी समस्याओं का हल कैसे निकलेगा, इसकी कोई रूपरेखा बजट में नहीं है।’’ उन्होंने कहा ‘‘अर्थव्यवस्था को बचाना होगा और इसके लिए अलग आर्थिक नीति बनानी होगी।’’ टीआरएस सदस्य के केशवराव ने बजट की आलोचना करते हुए कहा ‘‘बजट में जरूरी मुद्दों का कोई समाधान ही नहीं है। जीडीपी की वृद्धि दर 4.5 फीसदी है और केवल इस पर ही निर्भर करना ठीक नहीं होगा। ’’ उन्होंने कहा ‘‘इसमें दो मत नहीं हैं कि अर्थव्यवस्था बहुत ही खराब हालत में है। बजट में कोई प्रोत्साहन पैकेज भी नहीं दिया गया।’’

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़