नीतीश के प्रमुख सहयोगी ने ‘बिहार यात्रा’ की योजना बनाने के लिए तेजस्वी की आलोचना की
ग्रामीण विकास मंत्री और दलित नेता चौधरी ने राजद नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी (राजद)पार्टी 15 साल तक बिहार में सत्ता पर काबिज रहने के बाद भी पंचायतों में अनुसूचित जातियों और जनजातियों को आरक्षण देने में विफल रही।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रमुख सहयोगी ने प्रदेश की राष्ट्रीय जनतांत्रिक सरकार (राजग) सरकार की कथित विफलताओं को उजागर करने के लिए राज्यव्यापी यात्रा शुरू करने का फैसला करने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की शनिवार को आलोचना की।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता द्वारा 15 अगस्त से ‘यात्रा’ शुरू करने की योजना की घोषणा किये जाने के एक दिन बाद जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने तेजस्वी पर हमला करते हुए एक बयान जारी किया।
चौधरी ने कहा, “तेजस्वी यादव ने संवाददाता सम्मेलन में वंचित जातियों के लिए बढ़ाए गए आरक्षण को बहाल करने की नीतीश कुमार सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया और आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद हमारी पार्टी बिहार को विशेष दर्जा दिलाने में विफल रही। उन्होंने यह भी दावा किया था कि राज्य में अपराध तेजी से बढ़ रहा है।”
ग्रामीण विकास मंत्री और दलित नेता चौधरी ने राजद नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी (राजद)पार्टी 15 साल तक बिहार में सत्ता पर काबिज रहने के बाद भी पंचायतों में अनुसूचित जातियों और जनजातियों को आरक्षण देने में विफल रही।
किसी जमाने में कांग्रेस का हिस्सा रहे और तेजस्वी की मां राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री रहे चौधरी ने कहा , “दलितों को उनका संवैधानिक अधिकार (पंचायत में आरक्षण) 2005 में नीतीश कुमार के सत्ता में आने के बाद ही मिला।”
उन्होंने यह भी कहा, “राजद कभी भी दलितों और आदिवासियों का हितैषी नहीं रही।” चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार ने ही एससी और एसटी कल्याण के लिए विभाग बनाया था, जिसके लिए बड़ी मात्रा में बजटीय आवंटन किया जाता है।
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