NIA ने दबोच लिया लश्कर का आतंकी, युवाओं को कट्टरपंथी बना रहे थे शाजिब और ताहा
शिवमोग्गा (कर्नाटक) आईएसआईएस मामला आईएसआईएस सदस्यों की संदिग्ध गतिविधियों से संबंधित है, जिसे शुरू में सितंबर 2022 में शिवमोग्गा पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था और उसी वर्ष नवंबर में एनआईए ने इसे अपने हाथ में ले लिया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2022 शिवमोग्गा इस्लामिक स्टेट मॉड्यूल साजिश मामले में आरोप पत्र दायर किया है। 1 मार्च के रामेश्वरम कैफे विस्फोट के दो मुख्य आरोपियों अब्दुल मथीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाज़िब को आरोपी बनाया गया है। इस महीने की शुरुआत में रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में भी दोनों का नाम अलग से आरोपपत्र में दर्ज किया गया था। शिवमोग्गा (कर्नाटक) आईएसआईएस मामला आईएसआईएस सदस्यों की संदिग्ध गतिविधियों से संबंधित है, जिसे शुरू में सितंबर 2022 में शिवमोग्गा पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था और उसी वर्ष नवंबर में एनआईए ने इसे अपने हाथ में ले लिया था।
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ये दोनों 20 सदस्यीय अल-हिंद आईएसआईएस मॉड्यूल का भी हिस्सा थे, जिसका नेतृत्व बेंगलुरु स्थित महबूब पाशा और कुड्डालोर (तमिलनाडु) स्थित खाजा मोइदीन कर रहे थे। इनका नाम जनवरी 2020 में तमिलनाडु-केरल सीमा के पास एक चेक पोस्ट पर एक विशेष उप-निरीक्षक ए विल्सन की हत्या में भी सामने आया था। संघीय एजेंसी ने अब तक शिवमोग्गा षड्यंत्र मामले में दस आरोपियों के खिलाफ तीन आरोपपत्र दाखिल किए हैं। एनआईए ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि ताहा और शाजिब, जो 2020 से फरार थे, तत्काल (शिवमोग्गा) मामले में सह-आरोपियों सहित भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने में लगे हुए थे।
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एजेंसी ने कहा कि आरोपी (इस मॉड्यूल में) आतंकवाद फैलाने और देश को अस्थिर करने की आईएस साजिश के तहत कट्टरपंथ, भर्ती, आतंकवाद को वित्तपोषित करने के अलावा आगजनी, परीक्षण विस्फोट और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को जलाने जैसी हिंसक गतिविधियों में शामिल थे।
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