उर्मिलेश, गुहा, अभिसार...Newsclick का चीन कनेक्शन, कई पत्रकारों पर बड़ा एक्शन, विपक्ष को हुई किस बात की टेंशन?
चीन द्वारा न्यूज़क्लिक फंडिंग को बढ़ावा देना भारत की संप्रभुता पर हमला है क्योंकि इसमें जांच और जांच की आवश्यकता है। फंड के रूटिंग और ट्रांसफर का तरीका स्पष्ट रूप से इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की ओर इशारा करता है।
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक से जुड़े 30 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की है। छापेमारी में पत्रकारों और वेबसाइट से जुड़े कर्मचारियों के आवासों को निशाना बनाया गया। न्यूजक्लिक के लेखक उर्मिलेश, परंजॉय गुहा ठाकुरता और एंकर अभिसार शर्मा पर एक्शन हुआ है। उर्मिलेश को पुलिस अपने साथ ले गई है। छापेमारी के दौरान पुलिस ने लैपटॉप, मोबाइल फोन और हार्ड डिस्क से डेटा डंप सहित बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए। स्पेशल सेल ने नया मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय ने पहले भी फंडिंग के स्रोतों की जांच करते हुए कंपनी के परिसरों पर छापेमारी की थी।
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स्पेशल सेल केंद्रीय एजेंसी से मिले इनपुट के आधार पर छापेमारी कर रही है। यह छापेमारी उस रिपोर्ट के बाद हुई है जिसमें न्यूज़क्लिक को कथित तौर पर चीनी प्रचार के प्रसार के लिए अमेरिकी अरबपति नेविल रॉय सिंघम से वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले एक ग्लोबल नेटवर्क का हिस्सा बताया गया था। सरकारी सूत्र का कहना है कि यह भारत की संप्रभुता के बारे में है, न कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में। द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक जांच में यह भी बताया गया था कि भारतीय समाचार पोर्टल न्यूज़क्लिक चीनी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम से जुड़े नेटवर्क द्वारा वित्त पोषित संगठनों में से एक है।
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चीन द्वारा न्यूज़क्लिक फंडिंग को बढ़ावा देना भारत की संप्रभुता पर हमला है क्योंकि इसमें जांच और जांच की आवश्यकता है। फंड के रूटिंग और ट्रांसफर का तरीका स्पष्ट रूप से इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की ओर इशारा करता है। बड़ी मात्रा में धनराशि इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्थानांतरित की गई है और सिस्टम में आगे भेज दी गई है। चीनी प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए तथाकथित पत्रकारों को भुगतान किया गया है। इस स्तर पर सबूतों को सुरक्षित करना और मामले की तह तक जाना महत्वपूर्ण है।
गलत किया है तो उस पर जांच एजेंसियां काम करती है
न्यूज़क्लिक से जुड़े विभिन्न परिसरों पर हुई छापेमारी पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मुझे इसको न्यायोचित ठहराना ठीक नहीं लगता। अगर किसी ने गलत किया है तो उस पर जांच एजेंसियां काम करती हैं। यह कहीं नहीं लिखा कि अगर आपके पास गलत तरह से पैसा आया होगा, आपत्तीजनक कार्य हुआ होगा तो उस पर जांच एजेंसी कार्य नहीं कर सकती। जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं और वे अपनी कार्रवाई नियमों को देखकर करती हैं।
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कांग्रेस, राजद, माकपा समर्थन में आई
न्यूज़क्लिक से जुड़े विभिन्न परिसरों पर हुई छापेमारी पर सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि दिल्ली पुलिस हमारे घर पहुंची है क्योंकि हमारी पार्टी के साथी हमारे साथ रहते हैं जिनका बेटा न्यूज़क्लिक में काम करता है। यह छापा क्यों मार रहे, इसका कारण क्या है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह बता भी नहीं रहे हैं कि यह सब क्यों कर रहे हैं? हम चाहते हैं कि वे स्पष्टिकरण दें। यह मीडिया, अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला है। इन्हीं वजह से दुनिया के प्रेस इंडेक्स में (भारत की) लगातार गिरावट होती जा रही है। दूसरी तरफ से प्रचार होता है कि हम लोकतंत्र की जननी है। न्यूज़क्लिक से जुड़े विभिन्न परिसरों पर हुई छापेमारी पर कांग्रेस ने ता प्रमोद तिवारी ने कहा कि लगता है कि तानाशाही आ चुकी है। मीडिया की अभिव्यक्ति, स्वतंत्रता ही नहीं बल्कि आर्थिक, सामाजिक रूप से भी अंकुश लगाया जा रहा है... अगर (कोई पत्रकार) बाहर निकलकर स्वतंत्र रूप से बोलेगा तो उसे गिरफ्तार करेंगे और इस तरह करेंगे कि जल्दी जमानत भी नहीं मिलेगी। आने वाले चुनाव से पहले भाजपा सभी पत्रकारों को संदेश दे रही है। हमने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और लड़ते रहेंगे लेकिन उसकी आड़ में अगर पत्रकारों को झूठा फंसाया जाएगा तो हम उनके साथ खड़े हैं। दिल्ली पुलिस द्वारा न्यूज़क्लिक से जुड़े विभिन्न परिसरों पर हुई छापेमारी पर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि गांधी जयंती के ठीक बाद इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और दूर्भावनापूर्ण कार्रवाई नहीं हो सकती... जो लोग आप से सवाल पूछें, आपकी भजन मंडली में शामिल न हो उनके साथ यह मानक संचालन प्रक्रिया बन गई है... आज की यह कार्रवाई इतिहास में दर्ज होगी... कल बिहार की जातीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट आई है, इसके बाद आपकी (BJP) जमीन खिसक रही है इसलिए आपने यह कार्रवई की।
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