असम ने किराएदारों के हितों की रक्षा के लिए पारित किया कानून, बना पहला राज्य
असम किराएदारों की रक्षा के लिए किरायेदारी विधेयक 2021 पारित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस अधिनियम से मालिक और किराएदार दोनों के हितों की रक्षा होगी।
असम किराएदारों की रक्षा के लिए किरायेदारी विधेयक 2021 पारित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस अधिनियम से मालिक और किराएदार दोनों के हितों की रक्षा होगी। नया कानून एक मॉडल टेनेंसी एक्ट के आधार पर तैयार किया गया है, जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल 2 जून को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपनाने के लिए मंजूरी दे दी थी।
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विधेयक को 9 अगस्त को विधानसभा में पेश किया गया और शुक्रवार को पारित किया गया। अब असम में पहले का शहरी क्षेत्र किराया नियंत्रण अधिनियम, 1972 निरस्त हो गया है। यह अधिनियम जिला स्तर पर रेंट अथॉरिटी, रेंट कोर्ट और रेंट अपीलेट की स्थापना के माध्यम से मालिकों और किरायेदारों के बीच विवादों के समाधान के लिए एक त्वरित निर्णय प्रदान करेगा।
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असम के आवास और शहरी मामलों के मंत्री अशोक सिंघल ने कहा कि एक मकान मालिक और एक किरायेदार के बीच विभिन्न विवादास्पद मुद्दे उठते हैं। जब परिसर छोड़ने की बात आती है तो कुछ लोग समझौतों को नहीं मानते, इसके चलते मकान मालिक आवास नहीं देते। इस अधिनियम के लागू होने के बाद, लेटिंग-आउट प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
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