भतीजे ने छोड़ी विधायकी, चाचा शरद बोले- मुलाकात कर उन्हें समझाउंगा
अजीत पवार के इस्तीफे के बाद शरद पवार ने बताया कि अजीत पवार ने अपने बेटे पार्थ पवार से कहा है कि राजनीति आज अपने निम्न स्तर पर है, इसलिए राजनीति छोड़ना बेहतर है। अजीत ने बेटे को भी राजनीति छोड़ने की सलाह देते हुए कहा है कि अब चलो खेती या कोई अन्य व्यवसाय करते हैं।
मुंबई। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। ईडी की जांच से परेशान शरद पवार और उनकी पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। एक-एक कर राकांपा छोड़ दूसरे दलों में शामिल होते नेताओं की वजह से बुरे दौर से गुजर रही राकांपा के लिए यह करारा झटका है।
Maharashtra: Nationalist Congress Party (NCP) leader Ajit Pawar has resigned from his post as an MLA & Assembly Speaker Haribhau Bagade has accepted his resignation. More details awaited. (File pic) pic.twitter.com/3kZqHB1zaX
— ANI (@ANI) September 27, 2019
जिसके बाद राकांपा प्रमुख प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके भतीजे अजित पवार ने विधायक पद से इस्तीफा क्यों दिया। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार के अंदर कोई विवाद नहीं है। पवार ने हालांकि कहा कि अजित के बेटे ने उन्हें बताया कि ईडी की तरफ से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राकांपा प्रमुख का नाम लेने पर महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री 'बेचैन' थे। पवार ने पत्रकारों से बातचीत में परिवार के भीतर विवाद की खबरों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा, 'कोई विवाद नहीं है। सभी पारिवारिक मामलों में मेरा फैसला अंतिम शब्द होता है। उन्होंने कहा, 'जब मैं अजित से मिलूंगा तो उनसे इस फैसले की वजह पूछूंगा।
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बता दें कि अजीत पवार के इस्तीफे के बाद शरद पवार ने बताया कि अजीत पवार ने अपने बेटे पार्थ पवार से कहा है कि राजनीति आज अपने निम्न स्तर पर है, इसलिए राजनीति छोड़ना बेहतर है। अजीत ने बेटे को भी राजनीति छोड़ने की सलाह देते हुए कहा है कि अब चलो खेती या कोई अन्य व्यवसाय करते हैं। गौरतलब है कि 2019 के संसदीय चुनाव के दौरान अजीत पवार ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि अगर सुप्रिया सुले बारामती लोकसभा सीट से चुनाव हार जाती हैं तो वे सक्रिय राजनीति से इस्तीफा दे देंगे।
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