PUBG खेलने से सेहत पर पड़ता था असर, याददाश्त होती थी कमजोर
Player Unknown’s Battle Ground यानी की PUBG दुनिया का सबसे पॉपुलर ऑनलाइन मल्टीप्लेयर गेम बन चुका है। बच्चों और युवाओं के बीच यह इतना ज्यादा पॉपुलर हो गया है कि वह इसे खेले बिना रह भी नहीं पाते हैं।
नयी दिल्ली। भारत सरकार ने तीसरी बार चीन पर डिजिटल स्ट्राइक करते हुए 118 ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। इन 118 ऐप्स में सबसे ज्यादा लोकप्रिय गेम पबजी (PUBG) भी शामिल है। भारत में खेलने वालों की संख्या 22 करोड़ से ज्यादा की है जो दुनिया में किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं। बता दें कि युवाओं पर पबजी का नशा हावी है और यह उनकी सेहत को प्रभावित कर रहा है।
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Player Unknown’s Battle Ground यानी की PUBG दुनिया का सबसे पॉपुलर ऑनलाइन मल्टीप्लेयर गेम बन चुका है। बच्चों और युवाओं के बीच यह इतना ज्यादा पॉपुलर हो गया है कि वह इसे खेले बिना रह भी नहीं पाते हैं। नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक पबजी गेम महज बच्चों तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह 30-32 साल के युवाओं को भी प्रभावित कर रहा है। पबजी की बढ़ती हुई लत से युवाओं में व्यवहार संबंधी परेशानियां भी देखने को मिल रही हैं।
पबजी को खेलने वाले इसे खेल की तरह नहीं बल्कि जीत और हार की तरह लेते थे। जबकि किसी भी गेम का असल महत्व मनोरंजन होता है लेकिन इसे खेलने वाला चिकन डिनर की चाहत में लगा रहता है और कई बार अपनी साथी गेमर्स के साथ भी गलत व्यवहार कर बैठता है।
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पबजी गेम के नुकसान
- नींद में बड़बड़ाना/ समय पर नींद नहीं आना या फिर नींद से जुड़ी बीमारियां
- थोड़ी-थोड़ी बात पर गुस्सा करना/ व्यवहार में बदलाव
- काम को टालने की आदत का पनपना
- स्कूल-कॉलेज नहीं आ जाना
- समय की बर्बादी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉक्टर नम्रता शर्मा ने कुछ वक्त पहले बताया था कि पबजी गेम दुनियाभर में खेला जाता है और सबके टाइमजोन अलग-अलग होने की वजह से भारत में यह गेम ज्यादातर लोग देर रात तक जागकर खेलते हैं। जिसकी वजह से उन्हें पर्याप्त नहीं मिला पाती है। ऐसे में उनमें एकाग्रता की कमी और याददाश्त की कमजोरी जैसे विकारों का देखा जा सकता है। डॉक्टक शर्मा ने यह भी बताया था कि गेम में हिंसा दिखाई जाती है और हथियारों का इस्तेमाल होता है, जिसकी वजह से बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है।
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प्रतिबंध से अभिभावक खुश
भारत सरकार द्वारा पबजी पर प्रतिबंध लगाए जाने से जहां एक तरह गेमर और बच्चे परेशान हैं वहीं दूसरी तरह अभिभावक खुशी मना रहे हैं और सरकार का शुक्रिया अदा कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्वी दिल्ली में रहने वाले मुकेश शर्मा ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए सबसे अच्छे कामों में गिनाया। उन्होंने कहा कि उनका बेटा रोज सुबह-शाम पबजी खेलता था लेकिन सरकार के इस कदम के बाद अब राहत मिलेगी।
इसी तरह एक अभिभावक ने बताया कि उनका बेटा तो इतना अधिक खेलता है कि पूछो मत... उल्टा हम बच्चों को बोलते हैं कि थोड़ा घूम आया कर। गेम में दोस्तों से मिलने से अच्छा है उनके साथ थोड़ा बहुत घूम लिया है। हमारा बेटा रात में अचानक से 'मार-मार' कहकर जोर-जोर से चिल्लाने लगता है। आप विश्वास नहीं मानेंगे लेकिन मोदी सरकार ने पबजी को बैन करके बहुत ज्यादा खुशी दी है।
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पबजी का मालिक कौन ?
भारत सरकार द्वारा पबजी पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद गूगल पर सबसे ज्यादा यह सर्च किया जा रहा है कि पबजी का मालिक कौन है ? तो चलिए आपको बता देते है कि पबजी को आयरलैंड के ब्रेंडन ग्रीनी और उनकी टीम ने मिलकर तैयार किया है। इस गेम को डेस्कटॉप वर्जन के तौर पर तैयार किया गया है। ब्रेंडन ग्रीनी ने साउथ कोरिया की कम्पनी ब्लूहोल के लिए इसे विकसित किया है। जबकि इस गेम के पब्लिशर टेंसेंट है। तो कन्फ्यूज मत होइये क्योंकि पबजी को साउथ कोरिया की कम्पनी के लिए आयरलैंड के ब्रेंडन ग्रीनी और उनकी टीम ने बनाया है। जबकि गेम के पब्लिशर टेंसेंट गेम्स है जो चीन की कंपनी है।
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