जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नीति आयोग जैसे स्थायी आयोग की जरूरत : न्यायमूर्ति विश्वनाथन

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न्यायमूर्ति विश्वनाथन ने वकील जतिंदर (जय) चीमा की पुस्तक क्लाइमेट चेंज: द पॉलिसी, लॉ एंड प्रैक्टिस के विमोचन के अवसर पर कहा, इस समय जलवायु परिवर्तन एक समस्या है।

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के वी विश्वनाथन ने शुक्रवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन अस्तित्व के लिए गंभीर खतरा है और उन्होंने इस समस्या का व्यापक समाधान खोजने के लिए नीति आयोग की तरह भारत में स्थायी आयोग स्थापित करने की आवश्यकता बताई।

उच्चतम न्यायालय के एक अन्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने पर्यावरण को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए समय-समय पर मौजूदा कानूनों के दायरे से परे जाकर काम किया है।’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि भारतीय विधायिका वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए आगे आएगी।

न्यायमूर्ति विश्वनाथन ने वकील जतिंदर (जय) चीमा की पुस्तक क्लाइमेट चेंज: द पॉलिसी, लॉ एंड प्रैक्टिस के विमोचन के अवसर पर कहा, इस समय जलवायु परिवर्तन एक समस्या है। बिना किसी अतिशयोक्ति और बिना किसी खतरे के यह अस्तित्व के लिए एक गंभीर खतरा है।

उन्होंने कहा, एक और विचार है। विशेषज्ञ इसके बारे में लिखते रहे हैं और चीमा ने अपनी पुस्तक में इसका उल्लेख किया है... हमारे देश के लिए नीति आयोग की तर्ज पर एक स्थायी निकाय- जलवायु परिवर्तन आयोग की स्थापना की आवश्यकता हैताकि समय-समय पर सभी हितधारक इस मुद्दे पर विचार करें और सभी कोणों से समस्या को हल करने का प्रयास करें।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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