राजग सरकार और भाजपा धर्म के आधार पर भेदभाव कर रहे हैं: ओवैसी
सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा कि वह इस तरह की हिंसा की निंदा करते हैं, चाहे फिर वह लखनऊ, अहमदाबाद, बेंगलुरु या कहीं और हो।
हैदराबाद। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर भ्रम पैदा किया है और उनके द्वारा धर्म के नाम पर भेदभाव किया जा रहा है। उनसे पूछा गया था कि क्या सीएए को लेकर “अफवाहों” को दूर करने की जरूरत है क्योंकि सरकार द्वारा इस बात का स्पष्ट भरोसा देने के बावजूद कि भारतीय मुसलमानों को कुछ नहीं होगा, कई मुसलमानों का दावा है कि उन्हें “बाहर कर” दिया जाएगा।
AIMIM President and Hyderabad MP @asadowaisi spoke to the press earlier today, regarding the nationwide #CAAProtest https://t.co/19icsmGLcS
— AIMIM (@aimim_national) December 20, 2019
ओवैसी ने कहा, ‘‘सरकार क्यों नहीं कहती है... असम में, जहां एनआरसी लागू किया गया, आप करीब 5.40 लाख बंगाली हिंदुओं को सीएए के जरिये नागरिकता दे रहे हैं। आप असम में पांच लाख मुसलमानों को नहीं देंगे। उन्होंने कहा, “यह अफवाह है या सच? सरकार को बताना चाहिए।’’ सरकार पर भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आप भेदभाव कर रहे हैं। आप धर्म के आधार पर कानून बना रहे हैं और फिर शिकायत भी कर रहे हैं...।’’
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सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा कि वह इस तरह की हिंसा की निंदा करते हैं, चाहे फिर वह लखनऊ, अहमदाबाद, बेंगलुरु या कहीं और हो। एआईएमआईएम नेता ने कहा कि वह सभी से अपील करते हैं कि वे विरोध करने के संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करें, लेकिन हिंसा का सभी को निंदा करनी चाहिए। सीएए के खिलाफ यहां शनिवार को एमआईएमआईएम और अन्य की ओर से आयोजित की जाने वाली रैली के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सीएए ‘‘काला कानून’’ है और यह ‘‘असंवैधानिक’’ भी है।
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