NCLAT ने TATA-मिस्त्री मामले में याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने शुक्रवार को टाटा-मिस्त्री मामले में कंपनी पंजीयक (आरओसी) की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया है। पीलीय न्यायाधिकरण ने बृहस्पतिवार को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को कंपनी अधिनियम के नियमों के तहत निजी और सार्वजनिक कंपनियों की परिभाषा का विवरण जमा करने के लिए कहा था।
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने शुक्रवार को टाटा-मिस्त्री मामले में कंपनी पंजीयक (आरओसी) की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया है। एनसीएलएटी ने अपने हालिया आदेश में साइरस मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले कंपनी पंजीयक (आरओसी) ने इस आदेश में कुछ संशोधन किये जाने के लिए न्यायाधिकरण से अपील की थी। एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एस. जे. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने संकेत दिया है याचिका पर आदेश अगले हफ्ते सोमवार को आ सकता है।
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कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि उसने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है और टाटा संस को पब्लिक कंपनी से प्राइवेट कंपनी में बदलने की प्रक्रिया में कुछ भी अवैध नहीं किया है। अपीलीय न्यायाधिकरण ने बृहस्पतिवार को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को कंपनी अधिनियम के नियमों के तहत निजी और सार्वजनिक कंपनियों की परिभाषा का विवरण जमा करने के लिए कहा था। पीठ ने इसके लिए चुकता पूंजी की जरूरत पर स्पष्टीकरण भी मांगा था। अपीलीय न्यायाधिकरण ने 18 दिसंबर को टाटा समूह को साइरस मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन के रूप में बहाल करने का निर्देश दिया था। टाटा संस ने एनसीएलएटी के इस निर्णय के विरुद्ध बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और इस आदेश को चुनौती दी है।
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