ED के आरोपपत्र पर स्पेशल कोर्ट की बड़ी टिप्पणी, नवाब मलिक ने डी-कंपनी के साथ मिलकर प्रॉपर्टी हड़पने की आपराधिक साजिश रची
मुंबई स्पेशल कोर्ट में याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कुछ बातें साफ हैं। अदालत ने मलिक के खिलाफ ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया। विशेष अदालत ने मलिक के खिलाफ मामले की सुनवाई करते हुए ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और राज्य के अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक इस समय वित्तीय कदाचार के आरोप में जेल में हैं। इससे नवाब मलिक की मुश्किलें और बढ़ने की संभावना है। अदालत ने महत्वपूर्ण टिप्पणियां की हैं कि इस बात के निर्णायक सबूत हैं कि मुंबई में गोवा परिसर को हथियाने के लिए नवाब मलिक का दाऊद के गिरोह से सीधा संबंध था। बता दें कि उनके खिलाफ स्पेशल कोर्ट ने ईडी के आरोपपत्र पर संज्ञान लिया। विशेष न्यायाधीश राहुल एन रोकाडे ने कहा कि आरोपी नवाब मलिक ने डी-कंपनी के सदस्य यानी हसीना पारकर, सलीम पटेल और सरदार खान के साथ मुनिस प्लंबर से संबंधित प्रॉपर्टी के लिए आपराधिक साजिश रची थी।
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मुंबई स्पेशल कोर्ट में याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि कुछ बातें साफ हैं। अदालत ने मलिक के खिलाफ ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया। विशेष अदालत ने मलिक के खिलाफ मामले की सुनवाई करते हुए ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया। अदालत ने यह भी कहा कि नवाब मलिक जानबूझकर और सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे।
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नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय ने फरवरी माह में गिरफ्तार किया था। उस समय अदालत में जिरह के दौरान ईडी ने मलिक पर अंडरवर्ल्ड से संबंध रखने और टेरर फंडिंग का आरोप लगाया था। ईडी ने तब अदालत में कहा था कि नवाब मलिक के अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम गैंग के गुर्गों से संबंध हैं। साथ ही उनका हवाला जैसी अवैध गतिविधियों में सीधा संबंध भी है। ईडी ने कहा था कि इस मामले की जांच होना बहुत जरूरी है। इसलिए नवाब मलिक की कस्टडी मिलनी चाहिए। तभी मलिक और अंडरवर्ल्ड के संबंधों का खुलासा हो सकेगा।
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