लोकसभा चुनाव से बीजेपी में Narayan Rane ने अपनी पकड़ की और मजबूत, विधानसभा चुनाव में उनके कंधों पर होगी भारी जिम्मेदारी
रत्नागिरि-सिंधुदुर्ग सीट पर इसी साल संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के राज्य में प्रचलित चेहरे नारायण राणे ने जीत हासिल की थी। यह संसदीय क्षेत्र 2002 को गठित परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद 2008 में अस्तित्व में आया। कोंकण क्षेत्र का यह क्षेत्र समुद्री तट पर बसा हुआ है।
रत्नागिरि-सिंधुदुर्ग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र के 48 संसदीय क्षेत्रों में से एक है। जिस पर इसी साल संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के राज्य में प्रचलित चेहरे नारायण राणे ने जीत हासिल की थी। यह संसदीय क्षेत्र 2002 को गठित परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद 2008 में अस्तित्व में आया। कोंकण क्षेत्र का यह क्षेत्र समुद्री तट पर बसा हुआ है। इस क्षेत्र का संबंध महाभारत काल से भी है। वनवास का तेरहवां वर्ष पांडवों ने इसी क्षेत्र में बिताया था। यहीं पर म्यांमार के अंतिम राजा थिबू तथा वीर सावरकर को कैद कर रखा गया था। यह बाल गंगाधर तिलक की जन्मास्थली भी है। यह क्षेत्र सह्याद्रि पर्वतमाला से घिरा हुआ है। यहां पर शिवाजी द्वारा बनवाया गया सिंधुदुर्ग आज भी मौजूद है।
यह लोकसभा क्षेत्र पूरी तरह से रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के तहत आता है। जिसमें चिपलून, रत्नागिरी, राजापुर, कंकावली, कुदाल और सावंतवाड़ी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। रत्नागिरी सिंधुदुर्ग लोकसभा क्षेत्र की चिपलून विधानसभा सीट पर 1990 के बाद से शिवसेना और एनसीपी के बीच ही मुकाबला रहता है। 2019 में हुए आखिरी विधानसभा चुनाव में एनसीपी के शेखर गोविंदराव निकम विजेता बने थे। उनके पहले शिवसेना के सदानंद चव्हाण भी यहां से 10 साल तक विधायक रहे हैं। इस क्षेत्र की रत्नागिरी विधानसभा सीट महाराष्ट्र राज्य के गठन के साथ ही 1962 से अस्तित्व में आ गई थी। जिसके बाद से यहां राज्य की सभी बड़ी पार्टियों ने जीत हासिल की है।
वर्तमान में शिवसेना के उदय सामंत इस क्षेत्र का पिछले 20 साल से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। 2014 के चुनाव के पहले विधायक सामंत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता थे। महाराष्ट्र राज्य में शिवसेना के सबसे मजबूत इलाकों में शामिल राजापुर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी पिछले 30 साल से अजेय है। इस सीट पर शिवसेना से पहले अंतिम बार कांग्रेस चुनाव जीतने में सफल रही थी, लेकिन 1995 से यहां कोई भी राजनीतिक दल शिवसेना को नहीं हरा सका है। फिलहाल उद्धव ठाकरे के गुट के नेता राजन साल्वी पिछले 15 साल से यहां से विधायक चुने जा रहे हैं।
महाराष्ट्र राज्य में 2008 में हुए परिसीमन के बाद दोबारा अस्तित्व में आई कंकावली विधानसभा सीट पर पूर्व कांग्रेसी और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के नेता नारायण राणे के बेटे नितेश राणे का कब्जा है। विधायक नितेश राणे के पहले 2009 में भी यहां से बीजेपी चुनाव जीतने में सफल रही थी। रत्नागिरी सिंधु दुर्ग लोकसभा क्षेत्र की कुदाल विधानसभा सीट पर सर्वप्रथम 2009 के चुनाव में मतदान हुआ था। जिसमें नारायण राणे चुनाव जीतने में सफल रहे थे। हालांकि, 2014 के चुनाव में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता वैभव नाईक पिछले 10 साल से यहां से विधायक हैं। महाराष्ट्र राज्य में 270 नंबर से जाने जानी वाली सावंतवाड़ी विधानसभा सीट के मतदाताओं ने 1980 के बाद से किसी भी नेता को हमेशा से लंबे समय के लिए ही चुना है। वर्तमान में शिंदे गुट के शिवसेना के नेता दीपक केसरकर इस क्षेत्र का राज्य की विधानसभा में पिछले 15 साल से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनके पहले शिवसेना के शिवराम दलवी भी यहां से 10 साल विधायक रह चुके हैं।
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