ओवैसी पर नकवी का हमला, कहा- कुछ लोग तालिबानी मानसिकता से ग्रस्त हैं
हैदराबाद के सांसद ने शीर्ष अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। ओवैसी ने संवाददाताओं से यहां बातचीत में कहा कि उच्चतम न्यायालय वस्तुत: सर्वोच्च है लेकिन उनसे भी गलती हो सकती है।
नयी दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले की आलोचना के लिए एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि कुछ लोग ‘तालिबानी सोच’ से ग्रसित हैं जिन्हें न्यायपालिका पर विश्वास नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस न्यायिक निर्णय को ‘हार के हाहाकार और जीत के जुनूनी जश्न’ से बचाना चाहिए।
SC judgement on decades old Ayodhya matter should be welcomed & respected wholeheartedly by all of us. It’s our collective responsibility to strengthen unity, social harmony, brotherhood in the country: Union Minister of Minority Affairs @naqvimukhtar on #AYODHYAVERDICT pic.twitter.com/u0tt7vZ1FV
— Prasar Bharati News Services (@PBNS_India) November 9, 2019
नकवी ने कहा, ‘‘ कुछ लोग तालिबानी मानसिकता की बीमारी से ग्रस्त हैं। ऐसे लोगों को ना तो संविधान पर विश्वास है ना न्यायपालिका पर।’’मंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि देश किसी को भी सौहार्द, एकता और भाईचारे के ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं देगा। दरअसल, ओवैसी ने शनिवार को अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायलय के फैसले को ‘‘तथ्यों पर आस्था की जीत’’ करार दिया है। हैदराबाद के सांसद ने शीर्ष अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। ओवैसी ने संवाददाताओं से यहां बातचीत में कहा कि उच्चतम न्यायालय वस्तुत: सर्वोच्च है लेकिन उनसे भी गलती हो सकती है।
इससे पहले नकवी ने एक बयान में कहा, ‘‘दशकों पुराने अयोध्या मामले के निपटारे के लिए सर्वोच्च न्यायालय का फैसला स्वागत योग्य है। हम सभी को इसे तहेदिल से स्वीकार और इसका सम्मान करना चाहिए। अपने मुल्क की एकता, सौहार्द, भाईचारे की ताकत को मजबूत करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस फैसले को किसी की हार और किसी की जीत के रूप में नहीं देखना चाहिए, यह एक न्यायिक फैसला है। इस न्यायिक फैसले को हार के हाहाकार और जीत के जुनूनी जश्न से बचाना चाहिए।’’गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को सर्वसम्मति के फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया और केन्द्र को निर्देश दिया कि नयी मस्जिद के निर्माण के लिये सुन्नी वक्फ बोर्ड को प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ का भूखंड आवंटित किया जाए। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस व्यवस्था के साथ ही राजनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील 134 साल से भी अधिक पुराने इस विवाद का पटाक्षेप कर दिया।
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