Yes, Milord | मुस्लिम महिलाओं को भी अब तलाक के बाद मिलेगा भत्ता, केजरीवाल को जमानत लेकिन...जानें इस हफ्तें कोर्ट में क्या हुआ

court
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Jul 13 2024 2:49PM

इस सप्ताह यानी 01 जुलाई से 18 जुलाई 2024 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हफ्ते भर में शंभू बॉर्डर को खोलने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस भगदड़ मामले पर सुनवाई से इनकार किया। अरविंद केजरीवाल को मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं धारा 125 के तहत गुजारा भत्ता मांग सकती हैं। NEET UG 2024 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 18 जुलाई तक टल गई। इस सप्ताह यानी 01 जुलाई से 18 जुलाई 2024 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे। 

HC ने शंभू बॉर्डर एक हफ्ते में खोलने का दिया आदेश

एक बड़े घटनाक्रम में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने बुधवार को हरियाणा सरकार से एक सप्ताह के भीतर शंभू सीमा खोलने का आदेश दिया है। जानकारी के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने भी हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि शंभू बॉर्डर को एक हफ्ते के अंदर खोला जाए और नेशनल हाईवे से बैरिकेड्स हटाए जाएं। अपनी विभिन्न मांगों के पक्ष में किसान 13 फरवरी से शंभू बार्डर पर डेरा डाले हुए हैं। दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के पक्ष में दिल्ली की ओर बढ़ने की घोषणा की थी जिसके बाद हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नयी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोधक लगा दिए थे।

इसे भी पढ़ें: भाजपा को AAP ने दिया 'अहंकार खत्म करो' का संदेश... अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिली, आतिशि ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की

हाथरस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने किया सुनवाई से इंकार

सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस भगदड़ मामले की जांच कराने संबंधी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख करने के लिए कहा। दो जुलाई को हुई इस भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि ऐसी घटनाएं परेशान कर देने वाली हैं लेकिन हाई कोर्ट ऐसे मामलों का निपटारा करने में समर्थ है। पीठ ने कहा, बेशक, ये परेशान करने वाली घटनाएं हैं। आमतौर पर ऐसी घटनाओं को बड़ा मुद्दा बनाने के लिए याचिकाएं दायर की जाती हैं। उच्च हाई कोर्ट ऐसे मामलों का निपटारा कर सकता है। याचिका खारिज की जाती है।

अरविंद केजरीवाल को ईडी केस में SC से अंतरिम जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धनशोधन मामले में अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन वह जेल में ही रहेंगे, क्योंकि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने संबंधित मामले में उन्हें गिरफ्तार किया है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने धनशोधन लिवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकता और अनिवार्यता के पहलू पर तीन सवालों पर गहन विचार के लिए मामले को एक वृहद पीठ को सौंप दिया। कोर्ट ने कहा कि धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए उसे विश्वास योग्य कारण बताना जरूरी है, ताकि गिरफ्तार व्यक्ति अपनी हिरासत को चुनौती दे सके। 

धारा 125 के तहत मुस्लिम महिला पति से गुजारा भत्ता पाने की हकदार

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम महिला दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत अपने पति से भरण-पोषण की मांग कर सकती है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि धर्म तटस्थ प्रावधान सभी विवाहित महिलाओं पर लागू होता है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने एक अलग लेकिन सहमति वाले फैसले में कहा कि सीआरपीसी की धारा 125 मुस्लिम विवाहित महिलाओं सहित सभी विवाहित महिलाओं पर लागू होती है। सीआरपीसी की धारा 125 सभी गैर-मुस्लिम तलाकशुदा महिलाओं पर लागू होती है। न्यायालय ने कहा कि जहां तक ​​तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं का सवाल है, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125, जो पत्नी, बच्चों और माता-पिता के भरण-पोषण से संबंधित है, विशेष विवाह अधिनियम के तहत सभी मुस्लिम महिलाओं पर लागू होती है, चाहे वे विवाहित हों या तलाकशुदा। यदि मुस्लिम महिलाएं मुस्लिम कानून के तहत विवाहित हैं और तलाकशुदा हैं, तो सीआरपीसी की धारा 125 के साथ-साथ मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 1986 के प्रावधान लागू होते हैं। मुस्लिम तलाकशुदा महिलाओं के पास विकल्प है कि वे दोनों में से किसी एक कानून या दोनों कानूनों के तहत राहत मांगें। 

इसे भी पढ़ें: Delhi high Court ने पान मसाला पैकेट पर 50 प्रतिशत चेतावनी लेबल के आकार के फैसले को कायम रखा

नीट-यूजी 2024 से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई 18 जुलाई तक टली

सुप्रीम कोर्ट  ने विवादों से घिरी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई 18 जुलाई तक टाल दी। इन याचिकाओं में नीट-यूजी 2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं एवं कदाचार की जांच करने, परीक्षा रद्द करने और नये सिरे से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। शीर्ष अदालत ने कुछ याचिकाकर्ताओं को मामले में केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ओर से दाखिल हलफनामों की प्रति नहीं मिल पाने के मद्देनजर यह कदम उठाया। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि कुछ याचिककर्ताओं की पैरवी कर रहे वकीलों को केंद्र और एनटीए की ओर से बुधवार को अलग-अलग दाखिल किए गए हलफनामों की प्रति अभी तक नहीं मिली है। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़