वसूली मामले में UP से पंजाब जेल पहुंचा था मुख्तार अंसारी, Yogi Government ने बांदा जेल लाने के लिए लड़ी थी अदालती लड़ाई
बांदा जेल में मुख्तार अंसारी की तबीयत अचानक बिगड़ी थी। तबीयत खराब होने के बाद उसे मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया गया। इलाज के दौरान शाम 8:25 पर उसकी मौत हो गई। मुख्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है।
गैंगस्टर डॉन और मऊ विधानसभा के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की गुरुवार 28 मार्च की देर रात को मौत हो गई है। बांदा जेल में मुख्तार अंसारी की तबीयत अचानक बिगड़ी थी। तबीयत खराब होने के बाद उसे मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया गया। इलाज के दौरान शाम 8:25 पर उसकी मौत हो गई। माना जा रहा है कि मुख्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है। बांदा जेल में आने से पहले मुख्तार अंसारी को पंजाब के रोपड़ जेल में रखा गया था।
कांग्रेस की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के तहत मुख्तार अंसारी को जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक 2 साल से अधिक समय तक पंजाब के रोपड़ जेल में बंद किया गया था। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पंजाब सरकार पर मुख्तार अंसारी को बचाने का आरोप लगाया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल से बांदा जेल भेजा था।
वसूली का था मामला
होमलैंड ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की शिकायत पर जबरन वसूली और आपराधिक धमकी के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। मुख्तार अंसारी को जनवरी 2019 में पंजाब के रोपड़ जेल में इस मामले के तहत बंद किया गया था। बता दें कि होमलैंड ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने एसएसपी मोहाली को अपनी शिकायत में कहा था कि उत्तर प्रदेश के किसी अंसारी ने 9 जनवरी 2019 को उन्हें फोन कर 10 करोड रुपए का भुगतान करने को कहा था। सीईओ ने अपनी शिकायत में कॉल रिकॉर्ड को सबूत के तौर पर पेश किया जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और अंसारी को आरोपी बनाया। मामला दर्ज होने के बाद पंजाब पुलिस मुख्तार अंसारी को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई थी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
26 मार्च 2021 को उत्तर प्रदेश सरकार ने एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाली जिस पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को यह निर्देश दिया गया कि वह मुख्तार अंसारी को दो हफ्तों में उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दे। सुनाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाया कि वह मुख्तार अंसारी को बचाने की कोशिश कर रही है।
राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करने के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि एक दोषी अभी चार दिन क्या दी जो देश के कानून को नहीं मानता है उसे एक जैसे दूसरे देश में अपने ट्रांसफर का विरोध करने का अधिकार नहीं है। जब दोषी कानून के शासन को चुनौती देता है तो अदालत असहाय दर्शक की तरह नहीं रह सकती।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि पंजाब सरकार हत्या जबलपुर वसूली धोखाधड़ी के 10 मामलों में मुकदमों का सामना कर रहे बीएसपी विधायक मुख्तार अंसारी को हिरासत में ना सौंप कर उसे सुरक्षा मुहैया करा रही है। अक्टूबर 2020 में भाजपा विधायक का पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को वेद पत्र लिखा था जिसमें पंजाब सरकार पर मुख्तार अंसारी को अदालत में पेश होने से बचने में मदद करने का आरोप उन्होंने लगाया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने यह भी कहा था कि मुख्तार अंसारी को कृष्णानंद की हत्या के मामले में मुख्य साजिश करता बनाया गया है। हालांकि इस मामले में दिल्ली की एक स्पेशल कोर्ट ने 2019 को मुख्तार अंसारी को रिहा कर दिया था।
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