मुश्किल में मोतीलाल वोरा और भूपेंद्र हुड्डा, भूमि आवंटन मामले में आरोप पत्र दायर
एजेंसी ने मामले में दायर अपने पहले आरोप पत्र में वोरा, हुड्डा और एजेएल को नामजद किया है और आरोप लगाया है कि वे अपराध से हासिल धन की प्राप्ति और उसे रखने आदि प्रक्रिया और गतिविधियों में सीधे तौर पर शामिल थे।
नयी दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस प्रवर्तित एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को पंचकूला में भूमि आवंटन में कथित अनियमितता के मामले में सोमवार को अपना पहला आरोप पत्र दायर किया और इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को नामजद किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि चंडीगढ़ के नजदीक पंचकूला स्थित एक विशेष पीएमएलए अदालत में एक अभियोजन शिकायत दायर की। एजेंसी ने मामले में दायर अपने पहले आरोप पत्र में वोरा, हुड्डा और एजेएल को नामजद किया है और आरोप लगाया है कि वे अपराध से हासिल धन की प्राप्ति और उसे रखने आदि प्रक्रिया और गतिविधियों में सीधे तौर पर शामिल थे। वोरा राज्यसभा सदस्य के साथ ही कांग्रेस पार्टी के महासचिव भी हैं।
The CBI will file its reply in the #AssociatedJournalsLtd (AJL), the publisher of #NationalHerald newspaper, land allotment case involving #Haryana’s two-time Chief Minister #BhupinderHooda, senior Congress leader #MotilalVora and others on September 18.
— IANS Tweets (@ians_india) August 22, 2019
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हुड्डा ने हाल में चेतावनी दी थी कि वह नया राजनीतिक रास्ता अख्तियार कर सकते हैं। हुड्डा ने हाल में आयोजित एक रैली में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के मुद्दे पर कांग्रेस के रुख की आलोचना की थी और कहा था कि ‘‘वह रास्ता भटक गई है’’ और वह पार्टी नहीं रह गई है जो पहले हुआ करती थी। धनशोधन मामला तत्कालीन सरकार द्वारा 1992 में पंचकूला के सेक्टर 6 में सी..17 स्थित एक प्लॉट का आवंटन एजेएल को करने में कथित अनियमितताओं और धनशोधन के आरोपों से संबंधित है। एजेएल का नियंत्रण गांधी परिवार सहित वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के हाथ में है। समूह नेशनल हेराल्ड समाचारपत्र चलाता है। प्रवर्तन निदेशालय प्लॉट को पहले ही कुर्क कर चुका है जिसका मूल्य 64.93 करोड़ रुपये आंका गया है और यह एजेंसी द्वारा मामले में दायर किया गया पहला आरोप पत्र है। प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हुड्डा ने एजेएल का की मदद करते हुए उसे उपरोक्त प्लॉट पर निर्माण के लिए मई 2008-10 मई 2012 के बीच तीन बार अनुचित विस्तार दिये जब तक कि एजेएल ने वर्ष 2014 में निर्माण पूरा नहीं कर लिया।’’
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एजेंसी ने आरोप लगाया कि हुड्डा ने एजेएल को प्लॉट का आवंटन ‘‘अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए किया।’’ उसने आरोप लगाया कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ने उक्त भूखंड को बेईमानी से मूल दरों पर ब्याज के साथ एजेएल को पुन: आवंटन की आड़ में आवंटित किया और ऐसा हुडा (हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण) की ओर से रखी गई आवश्यक शर्तों और नीति का उल्लंघन करके किया गया। प्रवर्तन निदेशालय ने मामले में सीबीआई की प्राथमिकी और हरियाणा सतर्कता ब्यूरो द्वारा दर्ज आपराधिक प्राथमिकियों के आधार पर 2016 में धनशोधन की एक आपराधिक शिकायत दर्ज की थी। सीबीआई ने मामले की जांच हरियाणा की भाजपा सरकार के अनुरोध पर अपने हाथ में ली थी। सीबीआई ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ मामले में पहले ही आरोपपत्र दायर कर दिया है। प्लाट का आवंटन एजेएल को पहली बार 1982 में किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि यद्यपि आवंटन को हुडा के इस्टेट अधिकारी द्वारा अक्टूबर 1992 में एक आदेश द्वारा रद्द कर दिया गया था क्योंकि एजेएल आवंटन पत्र की शर्तों का अनुपालन नहीं करता था। एजेंसी ने मामले में दोनों कांग्रेस नेताओं से गत वर्ष पूछताछ की थी।
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