मोदी ने भाजपा सांसदों से कहा, जिन लोगों ने आपको वोट नहीं दिया, उनका दिल जीतने के लिए करें काम
भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने एक ट्वीट किया कि मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के अपने मंत्र को दोहराया तथा पार्टी नेताओं से इसी तरीके से सबके लिए काम करने को कहा।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भाजपा सांसदों से आह्वान किया कि वे नकारात्मकता त्यागें और जिन लोगों ने पार्टी के पक्ष में वोट नहीं डाला, उनका दिल जीतने के लिए सकारात्मक सोच के साथ काम करें। सूत्रों ने बताया कि पार्टी के 380 से अधिक सांसदों के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन सत्र में उन्होंने अपने संबोधन में 2024 के अगले लोकसभा चुनाव का भी उल्लेख किया और उनसे अपने निर्वाचन क्षेत्रों की इस तरह से देखभाल करने को कहा ताकि वे अपने ही काम एवं आचरण के बलबूते अपनी सीट सुरक्षित रख पाएं। कार्यक्रम में शामिल हुए सांसदों के मुताबिक, उन्होंने अपनी बेदाग छवि का जिक्र करते हुए सांसदों से अनुरोध किया कि वे अपने व्यक्तिगत और पेशेवर आचरण को अच्छा रखें। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि वे अपने परिवार को पर्याप्त समय दें लेकिन ‘‘परिवारवाद’’ से दूर रहें। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मोदी ने सांसदों से कहा कि वे उन लोगों के बारे में नकारात्मक ख्याल नहीं पालें जिन्होंने उन्हें वोट नहीं दिया, बल्कि इस तरह का आचरण करें जिससे उनका भी दिल जीता जा सके।
Pictures of 2nd and concluding day of BJP's 'Sansad Karyashala' held at GMC Balyogi Auditorium, Parliament Library Building, New Delhi. pic.twitter.com/aeRXXzFOTP
— BJP (@BJP4India) August 4, 2019
जोशी के अनुसार मोदी ने कहा, ‘‘ आपको हर व्यक्ति के कल्याण की राजनीति करनी चाहिए। उन्हें सकारात्मक होना चाहिए और उन लोगों के प्रति नकारात्मक सोच नहीं होनी चाहिए जिन्होंने पार्टी के पक्ष में वोट नहीं डाला। आपका काम और आचरण देख वे आपके करीब आयेंगे।’’ प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि वे जनभागीदारी और लोकोन्मुखी नीतियों पर ध्यान दें। भाजपा के एक सांसद ने कहा कि मोदी ने एक “अभिभावक” की तरह बात की और राजनीति, विचारधारा के साथ ही जीवन के व्यक्तिगत पहलुओं से संबंधित मुद्दों का जिक्र किया। अगले लोकसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने सांसदों से कहा कि उन बूथों की पहचान करें जहां पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था और वहां अपनी स्थिति मजबूत करने के लिये काम करें। सूत्रों ने बताया कि अपने भाषण में मोदी ने सांसदों के उचित आचरण पर ध्यान केंद्रित किया। इस संदर्भ में उन्होंने पहले गुजरात के मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री के तौर पर सरकार में अपने लंबे कार्यकाल का जिक्र किया। उन्होंने सांसदों से जनता के साथ कतार में खड़े होने और उचित तरीके से संवाद करने को कहा।
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मोदी बैठक के दौरान पिछली पंक्ति में से एक में सांसदों के बीच बैठें। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने एक ट्वीट किया कि मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के अपने मंत्र को दोहराया तथा पार्टी नेताओं से इसी तरीके से सबके लिए काम करने को कहा। भाजपा के उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने सांसदों के लिए स्वयं के विकास पर एक सत्र किया जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश में पार्टी के योगदान पर बात की। इस मौके पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के चाणक्य से लेकर पार्टी के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर दिए भाषणों का संग्रह ‘‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के शिल्पी’’ नाम की पुस्तक का भी विमोचन किया गया। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री शाह बैठक में शामिल नहीं हुए क्योंकि वह जम्मू कश्मीर से संबंधित आधिकारिक काम में व्यस्त रहे।
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