हमें सैनिकों की भावनाओं का करना चाहिए आदर, मोदी बोले- रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर बल दे रहा है भारत
मोदी ने कहा कि आज हमारी फौज के पास भारत में बने साजो-सामान होते हैं तो उनका आत्मविश्वास, उनका गर्व भी नई ऊंचाई पर पहुंचता है। इसमें हमें सीमा पर डटे जवानों की भावनाओं को भी समझना चाहिए। भारत में बनी चीजों को लेकर सैनिकों में अलग स्वाभिमान होता है। इसलिए हमें हमारे रक्षा उपकरणों के लिए अपने सैनिकों की भावना का आदर करना चाहिए। ये हम तभी कर सकते हैं जब हम आत्मनिर्भर होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता- कार्रवाई के लिए आह्वान’ विषय पर बजट के बाद आज एक सम्मेलन को संबोधित किया। अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि गुलामी के कालखंड में भी और आजादी के तुरंत बाद भी हमारी डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग की ताकत बहुत ज्यादा थी। दूसरे विश्व युद्ध में भारत में बने हथियारों ने बड़ी भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों से भारत अपने रक्षा क्षेत्र में जिस आत्मनिर्भरता पर बल दे रहा है। उसका कमिटमेंट आपको इस वर्ष के बजट में भी दिखेगा। मोदी ने कहा कि इस साल के बजट में देश के भीतर ही रिसर्च, डिज़ाइन और डवलपमेंट से लेकर मैन्युफेक्चरिंग तक का एक वाइब्रेंट इकोसिस्टम विकसित करने का ब्लूप्रिंट है। रक्षा बजट में लगभग 70% सिर्फ domestic industry के लिए रखा गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम बाहर से अस्त्र-शस्त्र लाते हैं, तो उसकी प्रक्रिया इतनी लंबी होती है कि जब वो हमारे सुरक्षाबलों तक पहुंचते हैं, तब तक उसमें से कई Outdated हो चुके होते हैं। इसका समाधान भी 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' और 'मेक इन इंडिया' में ही है। मैं देश की सेनाओं की भी सराहना करूंगा कि वो भी डिफेंस सेक्टर में भारत की आत्मनिर्भरता का महत्व समझते हुए बड़े निर्णय लेते हैं। उन्होंने कहा कि आज हमारी फौज के पास भारत में बने साजो-सामान होते हैं तो उनका आत्मविश्वास, उनका गर्व भी नई ऊंचाई पर पहुंचता है। इसमें हमें सीमा पर डटे जवानों की भावनाओं को भी समझना चाहिए। भारत में बनी चीजों को लेकर सैनिकों में अलग स्वाभिमान होता है। इसलिए हमें हमारे रक्षा उपकरणों के लिए अपने सैनिकों की भावना का आदर करना चाहिए। ये हम तभी कर सकते हैं जब हम आत्मनिर्भर होंगे।गुलामी के कालखंड में भी और आजादी के तुरंत बाद भी हमारी डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग की ताकत बहुत ज्यादा थी। दूसरे विश्व युद्ध में भारत में बने हथियारों ने बड़ी भूमिका निभाई थी: रक्षा क्षेत्र पर बजट के बाद वेबिनार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/bk04GWlX3n
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 25, 2022
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मोदी ने कहा कि भारत की जो IT की ताकत है, वो हमारा बहुत बड़ा सामर्थ्य है। इस ताकत को हम अपने रक्षा क्षेत्र में जितना ज्यादा इस्तेमाल करेंगे, उतनी ही सुरक्षा में हम आश्वस्त होंगे। जैसे सायबर सेक्योरिटी अब सिर्फ डिजिटल वर्ल्ड तक सीमित नहीं रह गई है। ये राष्ट्र की सुरक्षा का विषय बन चुका है। उन्होंने कहा कि पहले के समय में बाहर की कंपनियों से जो सामान खरीदा जाता था उसमें अक्सर भांति-भांति के आरोप लगते थे। हर खरीदे से विवाद पैदा होता था। अलग-अलग manufacturer के बीच जो कंपीटिशन होता है, उससे भ्रष्टाचार के दरवाजे भी खुलते हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान से हमें इसके भी समाधान मिलते हैं। मोदी ने कहा कि जब पूरी निष्ठा के साथ संकल्प लेकर हम आगे बढ़ते हैं तो क्या परिणाम आते हैं, इसका एक बेहतरीन उदाहरण हमारी ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां हैं। पिछले साल हमने 7 नई डिफेंस पब्लिक अंडरटेकिंग्स का निर्माण किया था। आज ये तेज़ी से business का विस्तार कर रही हैं, नए मार्केट में पहुंच रही हैं।
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