OBC को एक और बड़ा तोहफा दे सकती है मोदी सरकार, संविधान संशोधन विधेयक को मिल सकती है मंजूरी
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक समीक्षा याचिका भी दायर की थी जिसमें कहा गया था कि कोर्ट 5 मई के आरक्षण मामले में दिए फैसले पर दोबारा विचार करें। हालांकि सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।
जाति आधारित जनगणना की मांग के बीच सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग यानी कि ओबीसी को लेकर बड़ा कदम उठा सकती है। माना जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक में संविधान संशोधन बिल को मंजूरी दी जा सकती है। इसके अलावा सरकार की कोशिश होगी कि इसी मानसून सत्र में इस विधेयक को पारित करा लिया जाए। संविधान संशोधन विधेयक के पारित हो जाने के बाद राज्यों के पास अपनी ओबीसी लिस्ट बनाने का अधिकार होगा।
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दरअसल, इसी साल सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केवल केंद्र सरकार ही अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची बना सकती है। लेकिन केंद्र सरकार ने इसका विरोध किया था। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को सरकार संविधान संशोधन के जरिए पलट सकती है। अगर यह विधेयक संसद में पारित हो जाता है तब राज्य ओबीसी की लिस्ट तैयार कर सकते है। संविधान के अनुच्छेद 342-ए और 366(26)-सी के संशोधन पर मुहर लगने के बाद राज्यों के पास ज्यादा अधिकार होगा। मानसून सत्र में सरकार इस विधेयक को हर हाल में पारित कराने की तैयारी में है।
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सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक समीक्षा याचिका भी दायर की थी जिसमें कहा गया था कि कोर्ट 5 मई के आरक्षण मामले में दिए फैसले पर दोबारा विचार करें। हालांकि सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। आपको बता दें कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने अधिसूचित किया कि 27 प्रतिशत ओबीसी (गैर-क्रीमी लेयर) आरक्षण और 15 प्रतिशत अखिल भारतीय कोटा सीटों में 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण लागू करने का केंद्र का निर्णय मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-स्नातक के लिए 2021-22 शैक्षणिक सत्र से प्रभावी होगा।
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