मोदी कैबिनेट ने चिट फंड उद्योग के नियमन से संबंधित विधेयक के मसौदे को दी मंजूरी
मंत्री ने बताया कि सरकार ने इससे पहले चिट फंड उद्योग के नियमन के लिए 2018 में विधेयक पेश किया था लेकिन इसकी अवधि समाप्त हो गई थी। इस विधेयक को मार्च, 2018 में लोकसभा में पेश किया गया था और बाद में इसे जांच के लिए वित्त पर स्थायी समिति को भेजा गया था।
नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को चिट फंड उद्योग के नियमन से संबंधित विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। इस विधेयक से पंजीकृत चिट फंड उद्योग का अनुपालन बोझ कम होगा और अंशधारकों के हितों का संरक्षण किया जा सकेगा। जावड़ेकर ने कहा कि मंत्रिमंडल ने चिट फंड (संशोधन) विधेयक, 2019 को संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक का मकसद पंजीकृत चिट फंड उद्योग का नियामकीय बोझ कम करना और साथ ही अंशधारकों के हितों का संरक्षण करना है।
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मंत्री ने बताया कि सरकार ने इससे पहले चिट फंड उद्योग के नियमन के लिए 2018 में विधेयक पेश किया था लेकिन इसकी अवधि समाप्त हो गई थी। इस विधेयक को मार्च, 2018 में लोकसभा में पेश किया गया था और बाद में इसे जांच के लिए वित्त पर स्थायी समिति को भेजा गया था। संसदीय समिति ने सरकार को सुझाव दिया था कि वह इस विधेयक में अंशधारकों के लिए बीमा कवरेज को भी शामिल करे। समिति ने यह भी कहा था कि भारत जैसे विकासशील देश में आम जनता के लिए विभिन्न व्यक्तिगत जरूरतों के लिए लघु अवधि का कर्ज जुटाना पुरानी समस्या है।
Union Cabinet accords approval to introduction of Chit Funds (Amendment) Bill, 2019 in Parliament, in order to fulfill the objectives of reducing the regulatory or compliance burden of the registered Chit Funds Industry as well as protecting the interest of the Chit subscribers.
— ANI (@ANI) July 31, 2019
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