मंत्री ने कहा ज्योतिरादित्य को महाराष्ट्र की क्यों मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी दो
मध्यप्रदेश की कैबिनेट मंत्री और सिंधिया सार्थक इमरती देवी खुश नहीं है। मंत्री इमरती देवी ने साफ तौर पर यह कहकर सबको चोंका दिया कि ज़िम्मेदारी देना है तो मध्यप्रदेश की दें, वहां कौन पूछेगा उनको। मैं खुश नही हूँ।
काँग्रेस पार्टी में ज्योतिरादित्य सिंधिया की लगातार हो रही उपेक्षा पर भले ही खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया न बोल रहे हो लेकिन अब उनके समर्थक खुलकर बोलने लगे है। ताजा मामला मध्यप्रदेश की कलमनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री इमरती देवी का है जिन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया का कट्टर समर्थक माना जाता है ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने पर नाखुशी जाहिर की है। मध्यप्रदेश सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री इमारती देवी ने यह कहते हुए कि महाराज जाने और उनकी सरकार ,राहुल गांधी जाने मैं इससे खुश नहीं हूँ, इसलिए खुश नहीं,जिम्मेदारी...जिम्मेदारी काहे की जिम्मेदारी...जिम्मेदारी देना है तो मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी दें, वहां उन्हें कौन जानता है!
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इससे पहले एआईसीसी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया था। जिसमें वह कुछ खास अच्छा नहीं कर पाए बल्कि अपनी परंपरागत गुना सीट भी गवा चुके हैं। वही लगातार मध्यप्रदेश को लेकर उनकी उपेक्षा पार्टी स्तर पर होती रही है। फिर चाहे युवा चेहरे को मुख्यमंत्री बनने की बात हो या फिर प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम की चर्चा और फिर उस पर विराम। पार्टी में हो रही लगातार उपेक्षा के चलते राजनीतिक हलकों में यह खबर भी आती रही है कि अब ज्योतिरादित्य सिंधिया काँग्रेस छोड़कर बीजेपी भी ज्वाइन कर सकते हैं।
लेकिन इसी बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमैन बनाने से अब उनके समर्थकों के बीच निराशा के भाव उभरने लगे है। जिसको लेकर मध्यप्रदेश की कैबिनेट मंत्री और सिंधिया सार्थक इमरती देवी खुश नहीं है। मंत्री इमरती देवी ने साफ तौर पर यह कहकर सबको चोंका दिया कि ज़िम्मेदारी देना है तो मध्यप्रदेश की दें, वहां कौन पूछेगा उनको। मैं खुश नही हूँ।
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कुल मिलाकर बात की जाए तो जिस तरह राजस्थान में युवा नेता सचिन पायलट और छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव को प्रदेश में सरकार बनने के बाद सत्ता में उचित स्थान देकर काँग्रेस हाई कमान ने समन्वय बैठने की कोशिश की वैसा मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के चलते सम्भव नहीं हो पाया जिसके चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों में निराशा हावी होती नज़र आ रही है।
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