अफवाहों के कारण प्रवासी मजदूर एकत्र हुए, भ्रामक संदेशों पर अंकुश लगाया जाये: पवार
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Apr 15 2020 7:46PM
पवार की पार्टी राज्य में सत्तारूढ़ शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार में एक प्रमुख घटक दल है। लॉकडाउन के नियमों की अनदेखी करते हुए एक हजार से अधिक प्रवासी मजदूर मंगलवार को यहां एकत्र हो गये थे और उन्होंने उनके पैतृक स्थानों पर वापस भेजने के लिए परिवहन प्रबंध किये जाने की मांग की थी।
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर प्रवासी मजदूरों के एकत्र होने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संकट की इस स्थिति में ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए। पवार ने कहा कि कल बांद्रा स्टेशन के बाहर एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। उन्होंने कहा कि किसी ने यह अफवाह फैला दी कि ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू होंगी और स्थानीय लोग वहां इकट्ठा हो गए। दुर्भाग्य से सामाजिक मेलजोल से दूरी का पालन नहीं किया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने राजनीतिक दलों से मौजूदा संकट में एक-दूसरे पर आरोप लगाना बंद करने और सामूहिक रूप से एकजुट होकर कोविड-19 को हराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि किसी के अफवाह फैलाने के बाद स्टेशन के बाहर लोग इकट्ठा हो गए कि ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू होंगी। उन्होंने कहा कि इस तरह के भ्रमित संदेश को फैलने से रोकने के लिए सावधानी बरतने की जरूरत है।
पवार ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को यह नहीं सोचना चाहिए कि कौन केन्द्र या राज्य की सत्ता में है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सामने केवल एक सूत्री एजेंडा कोरोना वायरस को हराना है। हमें उस दिशा में कदम उठाने चाहिए।’’ उन्होंने हका, ‘‘बांद्रा में जो हुआ वह कहीं भी दोहराया नहीं जाना चाहिए।’’ पवार की पार्टी राज्य में सत्तारूढ़ शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार में एक प्रमुख घटक दल है। लॉकडाउन के नियमों की अनदेखी करते हुए एक हजार से अधिक प्रवासी मजदूर मंगलवार को यहां एकत्र हो गये थे और उन्होंने उनके पैतृक स्थानों पर वापस भेजने के लिए परिवहन प्रबंध किये जाने की मांग की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल सुबह ही कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाये गये लॉकडाउन की अवधि को तीन मई तक बढ़ाये जाने की घोषणा की थी। पवार ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को दो बार का भोजन उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ाये जाने संबंधी मोदी की घोषणा का स्वागत किया और उन्होंने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लोगों से इसका समर्थन करने का आग्रह किया। राकांपा प्रमुख ने देश में कोरोना वायरस के बढ़ रहे मामलों पर चिंता जतायी और इस बीमारी से जूझ रहे बुजुर्गों की देखभाल करने का आह्वान किया। देश में अब तक कोरोना वायरस के कारण 377 लोगों की मौत हो चुकी है।5. The CM's Relief Fund, has always been kept out of the #CSR provision. Corporates' contributions to CM’s Relief Fund should be considered as CSR. All State Disaster Management Authorities will be empowered to deal with Covid related crisis in various quarters if it is done so.
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) April 15, 2020
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पवार ने कहा कि मामलों के विश्लेषण से पता चलता है कि पहले से ही कुछ अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोग इस महामारी का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अमेरिका, स्पेन, इटली (जहां मृतकों की संख्या अधिक सामने आई है) के साथ भारत की स्थिति की तुलना नहीं कर रहा हूं।’’ पवार ने कहा, ‘‘वहां की स्थिति भयानक है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीयों की शारीरिक रूप से एक विशेषता है कि वे ऐसी स्थिति से लड़ने के लिए अधिक प्रतिरोधक क्षमता रखते हैं ... लेकिन स्थिति (भारत में भी) चिंताजनक है।’’ फेसबुक उपयोगकर्ता के एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) पर्याप्त संख्या में नहीं है लेकिन केन्द्र और सुरक्षा उपकरण की आपूर्ति कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह पहले की तुलना में अब स्थिति बेहतर है। पवार ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों को मई के दौरान जल संकट और कोरोना वायरस के कारण बेरोजगारी बढ़ने संबंधी समस्याओं से निपटने के लिए कदम उठाने चाहिए।डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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