मेघालय मंत्रिमंडल ने पानी संकट से निपटने के लिए जल नीति के मसौदे को मंजूरी दी

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[email protected] । Jul 13 2019 12:14PM

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मेघालय पहाड़ी राज्य है जहां काफी बारिश होती है लेकिन जल का संरक्षण नहीं किया जा सकता और सारा पानी तुरंत बांग्लादेश पहुंच जाता है। राज्य मंत्रिमंडल ने पांचवें मेघालय वेतन आयोग की सिफारिशों पर मेघालय लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के वेतन में बढ़ोत्तरी करने के वित्त विभाग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।

शिलॉन्ग। मेघालय मंत्रिमंडल ने पानी की खपत, जल संरक्षण और रक्षा के मुद्दों से निपटने के लिए जल नीति के मसौदे को मंजूरी दे दी है। उपमुख्यमंत्री प्रीस्टोन त्येनसोंग ने बताया कि मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को मसौदा नीति को मंजूरी देने से पहले नीति के कई आयामों पर लंबी चर्चा की। उन्होंने बताया, ‘‘पानी के उपयोग और आजीविका से संबंधित सभी मुद्दों और जल निकायों का संरक्षण कैसे किया जाए, इसका नीति में उल्लेख किया गया है। साथ ही ग्रामीण स्तर पर जल स्वच्छता ग्राम परिषद का गठन करके इस नीति के कार्यान्वयन में समुदाय की भागीदारी की बात भी की गई है।’’ राज्य जल संसाधन विभाग ने जल निकायों के संरक्षण और रक्षा विशेषज्ञों से सलाह मशविरा करके यह नीति तैयार की है। 

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हाल ही में राज्य सरकार ने पानी से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए जल शक्ति मिशन का शुभारंभ किया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मेघालय पहाड़ी राज्य है जहां काफी बारिश होती है लेकिन जल का संरक्षण नहीं किया जा सकता और सारा पानी तुरंत बांग्लादेश पहुंच जाता है। राज्य मंत्रिमंडल ने पांचवें मेघालय वेतन आयोग की सिफारिशों पर मेघालय लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के वेतन में बढ़ोत्तरी करने के वित्त विभाग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। 

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