माउंट एवरेस्ट जीतने वाली मध्य प्रदेश की मेघा परमार ने बांटे मास्क, एक साल पहले आज ही के दिन जीता था माउंट एवरेस्ट
मेघा का कहना है कि मुझे यह जो नया जीवनदान मिला है, उस ऊपर वाले ने किसी खास मकसद के लिए भेजा है। मैं अपनी पूरी कोशिश कर रही हूं कि मैं दूसरों के काम आ सकूं और जितना हो सके लोगों की मदद कर सकूं।
भोपाल। मध्य प्रदेश की पहली महिला माउंट एवरेस्ट फतह मेघा परमार ने अपनी माउंट एवरेस्ट फतह करने की सालगिरह पर कोरोना से सुरक्षा के लिए भोपाल में मास्क वितरण किए। उन्होंने जीवन शक्ति योजना के तहत अपने गांव की महिलाओं द्वारा बनाए गए 1000 मास्क भोपाल के कई झुग्गी बस्ती इलाकों में वितरित किए है। मेघा परमार और उके मित्र शोभित नाथ शर्मा द्वारा बनाए गए 300 स्क्रीन सीट मास्क पहले ही पुलिसकर्मीयों और नगर निगम के कोविड फाइटर्स को वितरित कर चुके है। माउंट एवरेस्ट जीतने की पहली वर्षगांठ पर मास्क वितरित करने गई मेघा ने इस दौरान झुग्गी बस्ती में रहने वाले हजारों लोगों को संबोधित कर अपनी माउंट एवरेस्ट के प्रेरणा दायक किस्से सुनाएं और कई नौजवानों का प्रोत्साहन बढ़ाया।
इस दौरान माउंट एवरेस्ट फतह करने की यादों को लोगों से साझा करते हुए मेघा ने बताया कि जब वह माउंट एवरेस्ट फतह करके लौट रही थी। तब उनका ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो गया था और और वह मौत के काफी करीब पहुंच चुकी थी। उसके बाद जब एक क्लाइंबर जिनका नाम स्वर्गीय श्रीमती अंजली कुलकर्णी था। उनके शेरपा वहां से गुजर रहे थे, तो उन्होंने मेरी हालत बिगड़ते हुए देखी और मुझसे कहा कि बहन मेरी क्लाइंबर की ऊपर ही मृत्यु हो चुकी है। उनका एक इस्तेमाल किया हुआ सिलेंडर मेरे पास है, अगर इसमें थोड़ी बहुत ऑक्सीजन बचा हो तो तुम इसे इस्तेमाल कर लो। मेरी हालत जब तक और बिगड़ चुकी थी। ऑक्सीजन खत्म होने की वजह से मेरे गले की सारी नसे खिच रही थी आंखें बाहर की ओर निकल रही थी। शरीर के एक-एक रोम छिद्र से तरल पदार्थ (लिक्विड) निकलना शुरू हो गया था, मैं मौत के काफी करीब पहुंच चुकी थी। जैसे ही उस शेरपा ने मेरा ऑक्सीजन सिलेंडर बदला मुझे अपनी जिंदगी की सबसे कीमती सांस आई और उसी वक्त मुझे पता लगा कि पेड़ों की अहमियत क्या होती है। मौत को इतने पास देख कर मुझे यही समझ आया कि हमारी जिंदगी बहुत कीमती है, ऊपर वाले ने केवल हमें इस दुनिया में एक ही मकसद से भेजा है कि हमें दुनिया को और भी खूबसूरत और भी प्यारा और भी हसीन बना सके और इस दुनिया को कुछ देकर जाए।
मेघा का कहना है कि मुझे यह जो नया जीवनदान मिला है, उस ऊपर वाले ने किसी खास मकसद के लिए भेजा है। मैं अपनी पूरी कोशिश कर रही हूं कि मैं दूसरों के काम आ सकूं और जितना हो सके लोगों की मदद कर सकूं। इस बात से वहां मौजूद काफी युवक प्रोत्साहित हुए इसके बाद उनके साथी शोभित नाथ शर्मा ने वहां मौजूद महिलाओं से अपील कर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाए गए जीवन शक्ति योजना के तहत मास्क बनाएं और कोरोना जैसे संकट में देश की मदद करें। युवाओं से यह अपील की के वह अपनी स्किल्स का इस्तेमाल करते हुए आत्मनिर्भर बने और देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएं। पर्वतारोही मेघा परमार ने माउंट एवरेस्ट जीतने की पहली वर्षगांठ पर भोपाल के श्याम नगर और ऋषि नगर झुग्गी बस्ती में यह मास्क वितरित किए।
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