जय श्रीराम के नारों के बीच मायावती ने किया ब्राह्मण समाज को सुरक्षा देने का वादा, इस दांव से क्या फिर एक बार पंडित शंख बजाएगा, हाथी बढ़ता जाएगा?
बसपा के प्रबुद्ध सम्मेलन में जय श्री राम के नारों के बीच मायावती ने कहा कि बसपा ये वादा करती है की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने पर ब्राह्मण समाज का पूरा ख्याल रखा जाएगा। उन्हें उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा और जो भी गलत कार्रवाई की गई है। इनके खिलाफ उसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी।
यूपी पूरी तरह से चुनावी मोड में है और हिदुत्व सबसे बड़ा मुद्दा बनकर नए कलेवर के साथ सामने खड़ा है। हिन्दुत्व की एक राजनीति उत्तर प्रदेश ने कल्याण-मुलायम के दौर में अयोध्या मंदिर संघर्ष के दौर में देखी थी। अब उत्तर प्रदेश मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद वाली हिदुत्व की नई राजनीति भी देख रहा है। बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की अगुआई शुरू किया गया में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन (ब्राह्मण सम्मेलन) आज लखनऊ में मायावती के संबोधन के साथ चौथे चरण का समापन हो गया। पांचवां चरण गोरखपुर से शुरू होना है। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार आज बसपा सुप्रीमो मायावती किसी सार्वजनिक मंच पर नजर आईं।
Brahmins have agreed that under BSP's rule, people from Brahmin community were in better condition as compared to under BJP's rule: BSP chief Mayawati pic.twitter.com/AYHyDgCnxm
— ANI UP (@ANINewsUP) September 7, 2021
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ब्राह्मणों का रखा जाएगा पूरा ख्याल
बसपा के प्रबुद्ध सम्मेलन में जय श्री राम के नारों के बीच मायावती ने कहा कि बसपा ये वादा करती है की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने पर ब्राह्मण समाज का पूरा ख्याल रखा जाएगा। उन्हें उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा और जो भी गलत कार्रवाई की गई है। इनके खिलाफ उसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी। अपने संबोधन के दौरान मायावती ने कहा कि दलित वर्ग के लोगों पर शुरू से गर्व रहा है कि उन्होंने बिना गुमराह और बहकावे में आए कठिन से कठिन दौर में भी पार्टी का साथ नहीं छोड़ा। ये लोग मज़बूत चट्टान की तरह पार्टी के साथ खड़े रहे हैं। उम्मीद है कि बसपा से जुड़े अन्य सभी वर्गों के लोग इनकी तरह आगे कभी गुमराह नहीं होंगे।
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2007 के फॉर्मूले को दोहराने में जुटीं
सत्ता में वापसी के लिए बसपा सोशल इंजीनियरिंग के जरिए अपने सियासी समीकरण को दुरुस्त करने के लिए अब तक सूबे के 74 जिलों में प्रबुद्ध सम्मेलन (ब्राह्मण सम्मेलन) कर चुकी है। बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की अगुआई में प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन (ब्राह्मण सम्मेलन) शुरू किया। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की नगरी अयोध्या से इसका आगाज हुआ। घंटों और मजीरों की ध्वनि के बीच वेदमंत्रों के उच्चारण से शुरू हुए बहुजन समाज पार्टी के 'प्रबुद्ध वर्ग विचार संगोष्ठी' का समापन 'जय भीम-जय भारत' के अलावा 'जयश्रीराम' और 'जय परशुराम' के उद्घोष के साथ हुआ और आज मायावती द्वारा इसके चौथे चरण में लखनऊ में संबोधन। दरअसल, मायावती 2007 के प्रयोग को दोहराना चाहती हैं। तब उन्होंने दलित-ब्राह्मण गठजोड़ का प्रयोग किया था और उसके कारण ही वे सत्ता पाने में कामयाब हुई थीं। हालांकि तब मायावती ने "जूते मारने" वाले अपने पहले स्लोगन की गलती को सुधारते हुए अपनी पार्टी के चुनाव-चिन्ह को लेकर नया नारा दिया था--'हाथी नहीं गणेश है,ब्रह्मा- विष्णु-महेश है, पंडित शंख बजाएगा हाथी बढ़ता जाएगा जैसे नारे खासे लोकप्रिय हुए थे। लेकिन पहले तो 2014 के लोकसभा चुनाव फिर 2017 के चुनाव ने उत्तर प्रदेश में जाति कि राजनीति की मौत की मुनादी कर दी। सवर्ण जातियों+गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित का समीकरण बना कर बीजेपी ने चुनाव दर चुनाव यूपी के क्षत्रपों के वोट बैंक को उनके जाति विशेष तक ही सीमित कर दिया।
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