जीएसटी पारित होने पर उप्र, बिहार को होता सर्वाधिक लाभः मोदी

[email protected] । May 13 2016 2:22PM

कई विधेयकों के पारित नहीं होने पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि यदि जीएसटी विधेयक पारित हो जाता तो उत्तर प्रदेश एवं बिहार जैसे राज्यों को सबसे ज्यादा फायदा होता।

संसद के मौजूदा सत्र में जीएसटी और राष्ट्रीय मुआवजा वनीकरण कोष संबंधित विधेयकों के पारित नहीं होने पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि यदि जीएसटी विधेयक पारित हो जाता तो उत्तर प्रदेश एवं बिहार जैसे राज्यों को सबसे ज्यादा फायदा होता। मोदी ने राज्यसभा में सेवानिवृत्त होने जा रहे सदस्यों को दिये जाने वाले विदाई भाषण में यह बात कही। उन्होंने कहा कि विदा होने वाले सदस्यों ने कई ऐसे महत्वपूर्ण विधेयकों के पारित होने में योगदान दिया जो राष्ट्र के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।

उन्होंने कहा कि किन्तु दो ऐसे महत्वपूर्ण विधेयक हैं जिनमें यदि विदा ले रहे सदस्यों का योगदान रहता तो बहुत अच्छा रहता। उन्होंने कहा कि इसमें पहला जीएसटी विधेयक है। उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी पारित होने से उत्तर प्रदेश एवं बिहार जैसे राज्यों को भरपूर फायदा होता।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी से एक-दो राज्यों को छोड़ दें तो सभी को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि सदन का दायित्व बनता है कि देश और समाज की भलाई के काम में उसका योगदान रहे। राष्ट्रीय मुआवजा वनीकरण कोष संबंधित विधेयक का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह विधेयक पारित नहीं होने से अब हमें वर्षा के मौसम में वनीकरण के लिए इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। अगले सत्र में जब तक यह पारित होगा तब तक मानसून निकल जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि राष्ट्रीय मुआवजा वनीकरण कोष प्रबंधन एवं नियोजन प्राधिकरण (कम्पा) गठित करने संबंधित विधेयक पारित हो जाता तो उससे राज्यों को 42 हजार करोड़ रूपये वनीकरण के लिए मिलते। उन्होंने कहा कि इससे प्रत्येक राज्य को करीब 2.3 हजार करोड़ रूपये मिलते, जो कोई छोटी राशि नहीं है। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र शुरू होने से पहले धन मिल जाने से काफी मदद मिलती। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब हमें चार-पांच माह तक प्रतीक्षा करनी होगी। उस समय तक मानसून का समय बीत जाएगा।

उल्लेखनीय है कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है। किन्तु यह राज्यसभा में लम्बित है। मोदी ने राज्यसभा के सेवानिवृत्त होने जा रहे 53 सदस्यों को विदाई देते हुए कहा, ‘‘राज्यसभा को यह विशेष लाभ है कि हम अपने सदस्यों को विदाई दे पाते हैं और उनका स्वागत कर पाते हैं। यह लाभ लोकसभा को नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि जो सदस्य सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं उन्हें दो सरकारों के साथ काम करने का मौका मिला। ‘‘पिछली सरकार के साथ ज्यादा और इस सरकार के साथ कम।’’ किन्तु इन सदस्यों ने देश के कल्याण में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त होने जा रहे सदस्यों को इस सदन में मिले अनुभव समाज के विकास के लिए काम करने को प्रवृत्त करेंगे।

मोदी ने कहा कि हम जब इस सदन में आते हैं तो हमारे सोचने की एक सीमा होती है। एक दायरा होता है। इस सदन में आने के बाद सदस्यों के सोचने का दायरा विशाल हो जाता है। उन्होंने कहा कि सदन में इन सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। अपने राज्यों के हितों को आगे बढ़ाने में योगदान दिया। प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्त होने जा रहे सदस्यों को आश्वासन दिया कि जिस प्रकार सरकार एक सदस्य के रूप में आपके अधिकारों का सम्मान करती है, उसी प्रकार पूर्व सदस्य के तौर पर भी आपका सम्मान किया जाएगा। समाज के विकास के लिए आप इसका पूरा लाभ उठा सकते हैं।

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