'मोदी ने हमेशा देश की आर्थिक स्थिति को संभाला', मनसुख मांडविया बोले- हमारी अर्थव्यवस्था रिवाइवल हो चुकी है

Mansukh Mandaviya
ANI
अंकित सिंह । Jul 9 2022 7:29PM

गुजरात के सूरत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में देश और तेज गति से आगे बढ़े और देश में सभी गरीब लोगों का जीवन आसान हो इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है।

देश में बढ़ रही महंगाई से आम जनता परेशान है। विपक्ष लगातार देश की अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा रहा है। इन सबके बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बड़ा दावा किया है। मनसुख मांडविया ने साफ तौर पर कहा है कि हमारी अर्थव्यवस्था रिवाइवल हो चुकी है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक मनसुख मांडविया ने अपने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हमेशा देश की आर्थिक स्थिति को संभाला है, कोरोना के बाद हिंदुस्तान विश्वों में अग्रिम पंक्ति का देश है जिसने 8% से अधिक GDP ग्रोथ हासिल कर लिया है और हमारी अर्थव्यवस्था रिवाइवल हो चुकी है।

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गुजरात के सूरत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में देश और तेज गति से आगे बढ़े और देश में सभी गरीब लोगों का जीवन आसान हो इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने केंद्र की पिछली कार्यकारिणी की बैठक में पारित आर्थिक एवं गरीब कल्याण प्रस्ताव की जानकारी सभी पदाधिकारियों, मंत्रियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों को दी। आपको बता दें इस साल गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा पूरी तैयारी में जुटी हुई है। सूरत में आयोजित इस कार्यक्रम में भाजपा की ओर से व्यापारियों को साधने की कोशिश की गई है। इस बैठक में गुजरात भाजपा प्रमुख सीआर पाटील, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सहित कई नेता मौजूद रहे।

 

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दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति क्रमिक रूप से नरम पड़ सकती है: आरबीआई

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भरोसा जताया है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति क्रमिक रूप से नरम पड़ेगी। उन्होंने कहा कि केद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिए मौद्रिक उपाए जारी रखेगा, ताकि मजबूत और स्थाई वृद्धि हासिल की जा सके। दास ने कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कहा कि मुद्रास्फीति देश के आर्थिक संस्थानों में जनता के विश्वास का एक मापक है। गवर्नर ने कहा कि कुल मिलाकर, इस समय आपूर्ति का परिदृश्य अनुकूल दिखाई दे रहा है और कई उच्च आवृत्ति संकेतक 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सुधार के लचीलेपन की ओर इशारा कर रहे हैं। ऐसे में हमारा वर्तमान आकलन है कि 2022-23 की दूसरी छमाही में मुद्रास्फीति धीरे-धीरे कम हो सकती है।

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