फर्जी मुठभेड़ों की जांच कर रही SIT को सहयोग देंगे: मणिपुर CM
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने आज कहा कि सुरक्षा बलों द्वारा फर्जी मुठभेड़ों और न्यायेतर हत्याओं की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी को सरकार ‘‘आवश्यक सहयोग’’ देगी।
इम्फाल। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने आज कहा कि उग्रवाद से ग्रस्त राज्य में सुरक्षा बलों द्वारा फर्जी मुठभेड़ों और न्यायेतर हत्याओं की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को मणिपुर सरकार ‘‘आवश्यक सहयोग’’ देगी। पांच सीबीआई अधिकारियों की एसआईटी गठित करने के शीर्ष अदालत के आदेश का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की ‘‘पहली प्राथमिकता मानवाधिकारों का संरक्षण’’ है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सुरक्षा बलों द्वारा कथित न्यायेतर हत्याओं में शामिल ‘‘दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए आवश्यक सहायता’’ मुहैया करवाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य के लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को पांच सीबीआई अधिकारियों की एसआईटी गठित करने और उग्रवाद से ग्रस्त राज्य में सेना, असम राइफल्स और पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ों और न्यायेतर हत्याओं की प्राथमिकी दर्ज करने तथा जांच करने का आदेश दिया।
शीर्ष अदालत ने सीबीआई निदेशक को निर्देश दिया कि वह दो हफ्ते के भीतर पांच अधिकारियों के दल का गठन करें, जो आवश्यक प्राथमिकी दर्ज करें और फर्जी मुठभेड़ों की जांच इस वर्ष 31 दिसंबर तक पूरी करें। शीर्ष अदालत ने कथित हत्याओं की जांच और मुआवजे की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। रिट याचिका मानवाधिकार समूहों ‘द ह्यूमन राइट्स अलर्ट’ और ‘एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल एक्जिक्यूशन विक्टिम फैमेलीज एसोसिएशन’ ने दायर की थी। ह्यूमन राइट्स अलर्ट के कार्यकारी निदेशक बबलू लोईतोंगबाम ने बताया कि उन्हें आशा कि सीबीआई निदेशक ऐसे अधिकारियों को चुनेंगे जिनकी ईमानदारी और क्षमता पर कभी कोई सवाल खड़ा नहीं हुआ, जो सच को सामने लाना चाहते हैं और राजनीतिक दबाव के आगे नहीं झुकते क्योंकि यह एक बेहद संवदेनशील मामला है।’’ उन्होंने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस बार पूरा फोकस उन पर होना चाहिए जिन्होंने हत्या के आदेश दिए।
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